Chamba: 30 नवम्बर को बंद हाे जाएंगे कार्तिकेय स्वामी मंदिर के कपाट, जानें उस अनोखी परंपरा के बारे में जो बताती है भविष्य
punjabkesari.in Saturday, Nov 15, 2025 - 05:43 PM (IST)
भरमौर (उत्तम): कार्तिक स्वामी कुगती मंदिर के कपाट 30 नवम्बर को दोपहर 12 बजे पूरे धार्मिक रीति-रिवाज का निर्वहन करते हुए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर के पुजारी मचला राम, दीपक कुमार और सुंदर शर्मा ने मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि मंदिर के कपाट बंद होने के बाद कोई भी श्रद्धालु मंदिर में न आए। कपाट बंद होने के बाद मंदिर में आना निषेध होता है। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील की है।
मान्यता है कि इस अंतराल के दौरान देवता स्वर्गलोक को चले जाते हैं और इस दौरान मंदिर जाने पर कोई अनहोनी घटना की आशंका रहती है। वहीं नवम्बर महीने के बाद क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है, इसलिए श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि यहां परंपरा है कि मंदिर के कपाट बंद करने से पहले मंदिर के गर्भगृह में पानी से भरा कलश रखा जाता है।
जब मंदिर के कपाट खोले जाते हैं तो सर्वप्रथम उस कलश को देखा जाता है। अगर इस अंतराल के बाद कलश पानी से भरा मिले, तो उस वर्ष इलाके में अच्छी बारिश और सुख-समृद्धि होने की उम्मीद रहती है। अगर कलश आधा या इससे कम मिले तो इलाके में सूखे की संभावना व्यक्त की जाती है। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इलाके के लोग मंदिर के कपाट खुलने के समय पर श्रद्धा के अनुसार मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना करते है तथा नई फसल से बना प्रसाद भगवान कार्तिकेय और देवी मराली को अर्पित करते हैं।

