कर्ज की बैसाखियों पर हिमाचल सरकार, जानिए अब कितने करोड़ का कर्ज लेने को फैलाई झोली

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2020 - 10:50 PM (IST)

शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में वित्तीय संकट और गहरा गया है। इसके चलते प्रदेश सरकार को एक बार फिर 2 अलग-अलग मदों में 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए बाध्य होना पड़ा है। इसमें एक मद में सरकार 13 साल और दूसरी मद में 14 साल के लिए कर्ज ले रही है। इस तरह वर्ष 2020 में 2 माह की अवधि में सरकार 2800 करोड़ रुपए कर्ज ले रही है जो प्रदेश के लिए अच्छा संकेत नहीं है। विधानसभा बजट सत्र से ठीक पहले सरकार की तरफ से लगातार लिए जाने वाले कर्जों को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से यह मामला जोर-शोर से उठाए जाने की संभावना है, जिससे विधानसभा में हंगामा होने के पूरे आसार हैं।

प्रदेश पर चढ़ा 55445 करोड़ रुपए का कर्ज

सरकार की तरफ से लिए जा रहे 1000 करोड़ रुपए के कर्ज को देखते हुए अब प्रदेश पर करीब 55445 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। हालांकि सरकार की तरफ से समय-समय पर कर्ज को लौटाया भी जाता है, जिससे इस राशि में मामूली फेरबदल हो सकता है।

नई आबकारी नीति से 1840 करोड़ रुपए जुटने की संभावना

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की खराब वित्तीय हालत के चलते ही राज्य सरकार को अपनी आबकारी नीति में बदलाव करना पड़ा है ताकि शराब बेचकर अधिक राजस्व कमाया जा सके। हालांकि नई आबकारी नीति से भी सरकारी खजाने में आगामी वित्तीय वर्ष में 1840 करोड़ रुपए जुटने की संभावना है। प्रदेश की आय का दूसरा प्रमुख साधन ऊर्जा यानी बिजली बेचकर भी सरकार को 1000 करोड़ रुपए से 1500 करोड़ रुपए की आय हो रही है। इसके अलावा खनन से भी करीब 300 करोड़ रुपए राजस्व आ रहा है, ऐसे में सरकार की विकास कार्य के लिए केंद्र सरकार पर निर्भरता अधिक बढ़ गई है।

कर्मचारियों व पैंशनर्ज को जल्द मिल सकती है डीए की किस्त

ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के अनुसार शीघ्र कर्मचारियों व पैंशनर्ज को जुलाई, 2019 से 5 फीसदी डीए की किस्त देने संबंधी निर्णय ले सकती है जिससे सरकारी कोष पर 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, ऐसे में डीए देने पर अंतिम निर्णय लेने से पहले ही सरकार ने कर्ज उठा लिया है। डीए देने की घोषणा मुख्यमंत्री 25 जनवरी को पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर कर चुके हैं।

बजट में बढ़ेगी कर्ज लौटाने की राशि

आगामी बजट में कर्ज लौटाने के लिए सरकार को अब अधिक धन खर्च करना होगा। मौजूदा समय में बजट के 100 रुपए में से 7.35 रुपए सरकार कर्ज को लौटने पर खर्च कर रही है। इसके अलावा वेतन पर 27.84 रुपए, पैंशन पर 15 रुपए, ब्याज अदायगी पर 10.25 रुपए और शेष 39.56 रुपए विकास कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च हो रहे हैं।

सामने आया सरकार का वित्तीय कुप्रबंधन : अग्रिहोत्री

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्रिहोत्री ने आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से बार-बार कर्ज लेने से वित्तीय कुप्रबंधन सामने आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जैसे-तैसे सरकार को चला रहे हैं तथा अफसरशाही पर उनका नियंत्रण नहीं है, ऐसे में जब विपक्ष की तरफ से सरकार को आईना दिखाया जाता है तो उनका गुस्सा सामने आता है।


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Vijay

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