Himachal: महाशिवरात्रि महोत्सव में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक परेड, 6 देशों के कलाकारों ने बिखेरी संस्कृति की रंगत

punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 08:38 PM (IST)

मंडी (रजनीश): मंडी में अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में इस बार ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब पहली बार अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक परेड का आयोजन किया गया। शनिवार देर शाम हुई इस भव्य परेड में छह देशों के कलाकारों और भारत के विभिन्न राज्यों से आए सांस्कृतिक दलों ने अपनी कला का जादू बिखेरा। सेरी मंच और इंदिरा मार्कीट के आसपास भारी भीड़ उमड़ी जो पारंपरिक नृत्यों और रोमांचक करतबों को देखने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रही थी।

रंगारंग परिधानों में दिखा विश्व संस्कृति का संगम
इस सांस्कृतिक परेड में यूक्रेन, थाईलैंड, श्रीलंका, मलेशिया और कजाकिस्तान के कलाकारों ने अपने पारंपरिक नृत्यों और लोककला का प्रदर्शन किया। वहीं, भारत के जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हिमाचल के चंबा, पांगी, भरमौर, शिमला, लाहौल-स्पीति, कुल्लू, सिरमौर के कलाकारों ने अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को पेश किया। मंडी के स्थानीय सांस्कृतिक दलों, मांडव्य कला मंच, संगीत सदन, अमर युवक मंडल और संकल्प युवक मंडल के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उत्तर भारत और हिमाचल के 20 सांस्कृतिक दलों ने इस मौके पर अपनी समृद्ध परंपरा की झलक पेश की।
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शानदार नृत्य, रोमांचक करतब और भव्य परेड रहे मुख्य आकर्षण
कल्चरल परेड की शुरुआत डीसी कार्यालय के प्रवेशद्वार से हुई, जो सेरी मंच होते हुए इंदिरा मार्केट परिसर का चक्कर लगाकर वहीं समाप्त हुई। इस दौरान विदेशी कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपने-अपने देश के लोकनृत्य पेश किए, वहीं भारतीय राज्यों के कलाकारों ने भी अपनी सांस्कृतिक छटा बिखेरी। अद्भुत करतब, पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और रंग-बिरंगे परिधान इस परेड का मुख्य आकर्षण रहे।
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मंत्री ने दिखाई हरी झंडी, आयोजन को बताया ऐतिहासिक
नगर एवं ग्राम नियोजन, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री राजेश धर्माणी ने इस अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक परेड को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर विधायक चंद्रशेखर और कांग्रेस के पूर्व सचिव एवं जोगिंद्रनगर से पूर्व प्रत्याशी जीवन ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहे। मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि इस तरह के आयोजन विभिन्न देशों के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान के सशक्त माध्यम होते हैं। मंडी की ‘छोटी काशी’ की देव संस्कृति की महक अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचेगी।
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Content Writer

Vijay

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