राज्य के शिक्षण संस्थानों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं की कार्यक्षमताओं को बढ़ाने के निर्देश
punjabkesari.in Friday, Jul 12, 2024 - 04:28 PM (IST)
शिमला (प्रीति): उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षण संस्थानों को अटल टिकरिंग लैब का फायदा ज्यादा से ज्यादा छात्रों तक पहुंचाने के निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान स्कूलों को अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं की कार्यक्षमताओं को बढ़ाने को भी कहा गया है। स्कूलों को अधिक से अधिक छात्रों को व्यावहारिक अनुभवात्मक शिक्षा प्रदान करने के लिए अटल टिकरिंग लैब का इस्तेमाल करना होगा। कलस्टर स्कूलों और आसपास के स्कूलों को भी इसका लाभ उठाने को कहा गया है। विभाग की ओर से जारी निर्देशों में जिला उपनिदेशकों को मामले पर कार्यशालाएं और प्रशिक्षण सत्र करवाने को कहा गया है। इसमें रोबोटिक्स, 3डी प्रिंटिंग, कोडिंग और इलैक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न विषयों पर शिक्षकों को जानकारी दी जाएगी।
शिक्षकों को अटल टिंकरिंग लैब के संसाधनों से परिचित करवाने और संबंधित पाठ्यक्रम को एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह प्रशिक्षण सत्र करवाया जा सकता है। इस विषय में रूचि और रचनात्मकता को जगाने के लिए छात्रों के नेतृत्व वाली परियोजनाओं और प्रतियोगिताओं की शुरूआत करने के लिए एटीएल क्लब बनाने को भी कहा गया है, जहां छात्र नवीन परियोजनाओं पर सहयोग और अपने विचार सांझा कर सकते हैं। जिन स्कूलों में यह सुविधा मौजूद हैं, वह अपने आसपास के स्कूलों के छात्रों को भी इसका फायदा पहुंचा सकते हैं। शिक्षा विभाग ने इसके प्रचार व प्रसार के लिए सामुदायिक जागरूकता अभियान शुरू करने को भी कहा है। पीटीएम या एसएमसी बैठक के दौरान ओपन हाऊस कार्यक्रमों में इसकी जानकारी लोगों को दी जा सकती है।
छात्रों द्वारा किए गए प्रयोगों और गतिविधियों पर डेटा बनाने के निर्देश
इस दौरान छात्रों द्वारा किए गए प्रयोगों और गतिविधियों पर डेटा बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा स्कूलों को इसका रिकार्ड भी रखने को कहा गया है। इस दौरान भौतिकी से संबंधित उपकरणों और परियोजनाओं का उपयोग, गणितीय मॉडल का उपयोग, विद्युत प्रयोग और सर्किट निर्माण गतिविधियां और रोबोटिक किट के उपयोग और प्रोग्रामिंग गतिविधियों की निगरानी की जा सकती है। इस दौरान स्कूलों को छात्रों की भागीदारी का विस्तृत रिकॉर्ड बनाने, छात्र द्वारा की गई विशिष्ट गतिविधियों या परियोजनाओं को लॉग करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
संंस्थानों को मामले पर 20 तारीख तक रिपोर्ट भेजने के निर्देश
शिक्षण संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी छात्रों को व्यावहारिक शिक्षण और अनुभवात्मक शिक्षण में शामिल होने का अवसर मिले। इसका सटीक रिकॉर्ड बनाए रखने और छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का जिम्मा शिक्षकों का होगा। विभाग ने हर महीने की 20 तारीख तक मामले पर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं।
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