अवैध कटान : 35 करोड़ के 18 हजार पेड़ चढ़े बलि

punjabkesari.in Sunday, Feb 07, 2021 - 03:23 PM (IST)

बिलासपुर : प्रदेश में अवैध कटान पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। साल 2018 में श्री नयनादेवी जी रेंज में वन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से न केवल खैर का अवैध कटान हुआ, बल्कि उस खैर को दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की कत्था फैक्ट्रियों में भी पहुंचाया गया। विजिलेंस ने मामले में निशानदेही पूरी कर ली है। जांच में पाया गया है कि खैर के करीब 18 हजार पेड़ों का अवैध कटान हुआ है। जिनकी कीमत लगभग 35 करोड़ रूपए थी। जांच एजेंसी बाहरी राज्यों की कत्था फैक्ट्रियों से सबूत जुटाने में लगी है। जांच पूरी होने के बाद विजिलेंस एफआईआर में जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के नाम भी जोड़ेगी। अभी तक हुई एफआईआर में लिखा है कि अवैध कटान के लिए वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी और ठेकेदार शामिल हैं। 

श्री नयनादेवी जी रेंज में साल 2018 में अवैध खैर कटान का मामला सामने आया था। सलोआ, भाखड़ा, बड़ोह, कोट और बस्सी वन बीट में करीब 18 हजार खैर के पेड़ काटे गए हैं। 25 फरवरी, 2018 के अंक में अमर उजाला ने मामले का खुलासा किया था। इसके बाद विजिलेंस ने पहली एफआईआर दर्ज की थी। विजिलेंस ने कई चेकपोस्टों, वन कर्मचारियों के घरों के अलावा ठेकेदारों के यहां छापे मारकर साक्ष्य जुटाए थे। मामले में पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद विजिलेंस जांच शुरू हुई थी। उधर, एसपी विजिलेंस मंडी राहुल नाथ ने कहा कि श्री नयनादेवी जी रेंज में हुआ अवैध खैर कटान वाला क्षेत्र बहुत लंबा है। इसकी निशानदेही करने में समय लगा है। विभिन्न विभागों से रिकॉर्ड जुटाना पड़ रहा है। इसके चलते जांच पूरा करने में समय लग रहा है।  

एएसपी विजिलेंस मंडी कुलूभूषण वर्मा ने बताया कि मामले से जुड़ी करीब 50 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है। विजिलेंस ने हिमाचल के बाहर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की कत्था फैक्ट्रियों से रिकॉर्ड तलब किया है। वन रेंज की निशानदेही का कार्य पूरा हो चुका है। पाया गया है कि 18 हजार खैर के पेड़ कटे हैं। एक बीट में 9 करोड़ का कटान हुआ है। पांच बीट में करीब 35 करोड़ की वन संपदा का अवैध कटान किया गया है। 
 


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prashant sharma

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