Mandi: आईआईटी मंडी ने मनाया 13वां दीक्षांत समारोह, 604 विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां

punjabkesari.in Thursday, Nov 13, 2025 - 06:37 PM (IST)

मंडी (रजनीश): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के 13वें दीक्षांत समारोह में बीटैक (कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) की छात्रा रिया अरोड़ा को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक और संस्थान रजत जबकि वैभव केशरवानी को उत्कृष्ट अकादमिक और नेतृत्व योगदान के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा भाव्या को पोस्ट ग्रैजुएट कार्यक्रमों में असाधारण विद्वता के लिए संस्थान स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। आईआईटी मंडी ने वीरवार को नॉर्थ कैंपस कमांद वैली में अपना 13वां दीक्षांत समारोह मनाया जिसमें कुल 604 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं। इनमें 71 पीएचडी, 245 स्नातकोत्तर और 288 बीटैक स्नातक शामिल हैं। इनमें से 25 प्रतिशत से अधिक स्नातक महिलाएं शामिल रहीं। समारोह में मुख्यातिथि के रूप में पूर्व महानिदेशक विज्ञान एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद प्रो. शेखर सी. मंडे जबकि निदेशक उच्च ऊर्जा प्रणाली और विज्ञान केंद्र (चेस), डीआरडीओ डाॅ. जगन्नाथ नायक और निदेशक आईआईटी हैदराबाद प्रो. बुदाराजु श्रीनिवास मूर्ति विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा निदेशक आईआईटी मंडी ने की।

विज्ञान और तकनीक समाज की मदद करें : प्रो. मंडे
मुख्यातिथि प्रो. शेखर सी. मंडे ने सतत विकास के लिए नवाचार के महत्व पर बल दिया और स्नातकों को राष्ट्रीय और वैश्विक चुनौतियों को समझदारी और नैतिकता के साथ नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यह सोचना चाहिए कि वे राष्ट्र की सफलता में कैसे योगदान दे सकते हैं। विज्ञान और तकनीक समाज की मदद करें और उनका उपयोग दुर्भावनापूर्ण घटनाओं में न हो, मानवता के बिना विज्ञान का कोई उपयोग नहीं है।

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तकनीकी प्रगति और मानवीय मूल्यों के बीच पुल का काम करता है आईआईटी मंडी
प्रो. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि आईआईटी मंडी हिमालय में सीखने और नवाचार के जीवंत पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करता रहा है। आईआईटी मंडी ने अंतर विषयक अनुसंधान का एक ऐसा केंद्र स्थापित किया है जो तकनीकी प्रगति और मानवीय मूल्यों के बीच पुल का काम करता है। हमारे स्नातक न केवल उत्कृष्ट इंजीनियर और वैज्ञानिक हैं, बल्कि वे ऐसे तकनीकी नवाचारों के माध्यम से स्थिरता की चुनौतियों का सामना करते हैं जो स्थानीय और राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। इसके अलावा प्रो. बुदाराजु श्रीनिवास मूर्ति और डाॅ. जगन्नाथ नायक ने छात्रों को राष्ट्र की सफलता में योगदान देने और केवल नौकरी पाने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बनने पर जोर दिया।

इन्हें मिले संस्थान रजत पदक
ईशान को संस्थान रजत पदक बीटैक बायो इंजीनियरिंग में दिया गया जोकि एमटैक की दोहरी डिग्री पूर्ण होने के बाद प्रदान किया गया। इसके अलावा बीटैक सिविल इंजीनियरिंग के विश्वदीप पुरकायस्थ, बीटैक डाटा साइंस इंजीनियरिंग के राज सिंह बानी, बीटैक इलैक्ट्रीकल इंजीनियरिंग के लखन धर्मवीर गुप्ता, बीटैक इंजीनियरिंग फिजिक्स के आरुष समधिया, बीटैक मैकेनिकल इंजीनियरिंग के केशव वर्मा, एमबीए डाटा साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस के यशस्वी त्रिवेदी, एमटैक के निखिल त्यागी, एमएससी एप्लाइड मैथमैटिक्स के प्रवीण कुमार व एमएससी रसायन विज्ञान की वंशिका गुप्ता को संस्थान रजत पदक देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा अक्षत शर्मा व किरण बाला को स्मृति पुरस्कार, अनुग्रह के. कुरियन, नजनीन खातून, वैभव शर्मा, वानोडे आशीष, योगेंद्र व दीक्षांत शर्मा उत्कृष्ट शैक्षणिक उपलब्धि पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

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इन विषयों के विद्यार्थियों को प्रदान की डिग्रियां
बैचलर ऑफ टैक्नोलाॅजी में 288, बैचलर ऑफ टैक्नोलाॅजी एवं मास्टर ऑफ टैक्नोलाॅजी में 1, बायो इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ टैक्नोलाॅजी एवं मास्टर ऑफ टैक्नोलाॅजी में 3, डाॅक्टर ऑफ फिलासफी में 64, भौतिकी में मास्टर ऑफ साइंस एवं डाॅक्टर ऑफ फिलाॅसफी में 4, डिवैल्पमैंट स्टडीज में मास्टर ऑफ आर्ट्स में 15, डाटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटैलीजैंस में मास्टर ऑफ बिजनैस एडमिनिस्ट्रेशन में 47, मास्टर ऑफ साइंस एवं डाॅक्टर ऑफ फिलोसफी में 1, मास्टर ऑफ साइंस (रिसर्च)/मास्टर ऑफ टैक्नोलाॅजी में 22, एप्लाइड मैथेमैटिक्स में मास्टर ऑफ साइंस में 25, रसायन विज्ञान में मास्टर ऑफ साइंस में 25, भौतिकी में मास्टर ऑफ साइंस में 25 और मास्टर ऑफ टैक्नोलाॅजी के 82 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गईं।


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Content Writer

Vijay

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