Himachal: बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए अगर ये काम किया तो दर्ज होगा मुकद्दमा

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 12:30 PM (IST)

शिमला (संतोष): राज्य में बीपीएल सूची में नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन प्रक्रिया आरंभ हो गई है। पहली अप्रैल से इस प्रक्रिया ने जोर पकड़ लिया है, लेकिन इस बार निर्धारित किए गए नियमों के तहत आवेदनकर्त्ता ने यदि झूठा शपथ पत्र दायर किया तो मुकद्दमा भी दर्ज किया जा सकता है। पात्र परिवार 30 अप्रैल तक बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए संबंधित पंचायतों में आवेदन जमा करवा सकते हैं और इसके लिए एसडीएम भी त्रिसदस्यीय सत्यापन समिति का 15 अप्रैल तक गठन कर देंगे, जिसमें पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता को शामिल किया जाएगा। सत्यापन समिति द्वारा तैयार की गई सूचियों को 15 जून तक सार्वजनिक जांच के लिए ग्राम पंचायत के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित किया जाएगा, ताकि जुलाई माह में ग्रामसभा में मामले पर पारदर्शी रूप से चर्चा की जा सके। इस पूरी प्रक्रिया को इस वर्ष 15 अक्तूबर तक पूरा किया जाना है। 

अब प्रधान की नहीं चलेगी मनमानी
अभी तक यह होता रहा है कि प्रधान की अध्यक्षता में होने वाली ग्राम सभा की बैठक के दिन ही बीपीएल सूची तैयार कर दी जाती थी, जिसमें कई जगहों पर प्रधानों की मनमानी के आरोप लगने की सरकार को शिकायतें प्राप्त होती रही हैं। ऐसे में सरकार ने इसमें संशोधन किया है और अब प्रधानों की दखल अंदाजी नहीं रहेगी। 

पहले से सूची में शामिल परिवारों को भी फिर से करना होगा आवेदन
पहले से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों को भी फिर से आवेदन करना होगा, ताकि बीपीएल सूची में पात्र परिवारों का ही चयन हो सके। अपात्र परिवार सरकार की ओर से तय मापदंडों में खरा न उतरने पर सूची से बाहर हो जाएंगे। सूची में शामिल होने के लिए परिवार के मुखिया से आवेदन के साथ सादे कागज पर शपथ एवं घोषणा पत्र लिया जा रहा है, लेकिन शपथ एवं घोषणा पत्र अगर झूठा पाया जाता है तो ऐसे परिवार के मुखिया के खिलाफ बीएनएस के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। बता दें कि केंद्र ने हिमाचल के लिए बीपीएल सूची में शामिल करने के लिए कोटा तय किया है, जिसके तहत प्रदेश में 282370 परिवारों को ही बीपीएल सूची में शामिल किया जा सकता है, जबकि वर्तमान में 266304 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं। ऐसे में केंद्र के कोटे के मुताबिक 16066 नए परिवारों को भी अभी बीपीएल सूची में और जोड़ा जा सकता है। 

आवेदन पत्र के साथ देना होगा इसका शपथ पत्र

  • परिवार के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है।
  • परिवार आयकर नहीं देता है।
  • परिवार की समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50000 रुपए से ज्यादा नहीं है। 
  • परिवार के पास एक हैक्टेयर से ज्यादा भूमि नहीं है। 
  • परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी/अर्ध सरकारी या निजी नौकरी में नहीं है। 

कौन से लोग हो सकते हैं बीपीएल सूची में शामिल
ऐसे परिवार जिनमें 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चे ही सदस्य हैं या ऐसे परिवार जिनमें केवल 59 वर्ष की आयु से अधिक के वृद्धजन ही सदस्य हैं व 18-59 वर्ष की आयु का कोई भी व्यस्क सदस्य नहीं है, को सूची में शामिल किया जाएगा। ऐसे परिवार जिनमें महिला मुखिया हो और जिसमें 18 से 59 वर्ष की आयु के बीच का कोई व्यस्क पुरुष सदस्य न हो, जिसमें विधवा/ अविवाहित/ तलाकशुदा/ परित्यक्त महिलाओं को सूची में डाला जाएगा। ऐसे परिवार जिनके मुखिया 50 फीसदी से अधिक विकलांग हों, सूची में ऐसे परिवारों को भी शामिल किया जाएगा। जिनके सभी व्यस्क सदस्यों द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत कम से कम 100 दिन का रोजगार प्राप्त किया है। जिनके कमाने वाले सदस्य कैंसर, अल्जाइमर, पार्किसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके कारण वे स्थायी रूप से अक्षम हो गए हैं। इन मानदंडों में से किसी एक या अधिक को पूरा करते हैं, वे ही बीपीएल की सूची में शामिल होने के पात्र होंगे। 

ये होंगे बाहर

  • ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए पक्का मकान है। 
  • ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य आयकर देता हो। 
  • ऐसे परिवार जिनकी समस्त स्रोतों से अर्जित वार्षिक आय 50 हजार से ज्यादा है। 
  • ऐसे परिवार जिनके पास एक हैक्टेयर से ज्यादा भूमि हो। 
  • ऐसे परिवार जिनका कोई भी सदस्य सरकारी/अर्द्ध सरकारी या निजी नौकरी में है, बीपीएल सूची से बाहर होंगे। 

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Content Writer

Vijay

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