शिकारी गोलीकांड मामला: बंदूक धारियों के घरों में पुलिस की दस्तक, तीसरे दिन भी चला सर्च अभियान

punjabkesari.in Friday, Feb 22, 2019 - 11:12 AM (IST)

रिवालसर: बल्ह पुलिस ने सुभाष गोलीकांड को लेकर लगातार तीसरे दिन भी सर्च अभियान जंगल में जारी रखा। एस.पी. के आदेशों के बाद गलमा के आसपास के लोगों ने लगभग 5 दर्जन बंदूकों को थाने में जमा करवाया है और 3 दर्जन से अधिक लोगों ने पुलिस के आदेशों के बावजूद अपनी बंदूकें जमा नहीं करवाई हैं। पुलिस सुभाष हत्याकांड को सुलझाने के लिए बीते 3 दिनों से एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, मगर अभी भी पुलिस को इस मामले को सुलझाने के लिए कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा है।

गुरुवार को पुलिस ने घटना स्थल के इर्दगिर्द के बंदूक धारियों के घरों में भी दस्तक देकर पूछताछ की, वहीं हादसा स्थल के इर्दगिर्द की 4-5 पंचायतों गलमा, सोयरा, बाल्ट व सिद्धयानी के जनप्रतिनिधियों व वार्ड पंचों से भी अपने-अपने इलाके के शिकारियों को लेकर पूछताछ की। लोगों ने सुभाष की मौत शिकारियों के हाथ हुई है या उसको गोलियों से छलनी करने के पीछे कुछ और वजह है, पुलिस से सभी पहलुओं पर जांच करने और इस गोलीकांड का शीघ्र पर्दाफाश करने की मांग की है। 

अंतिम संस्कार के लिए परिजन हुए गुत्थमगुत्था

बुधवार को सुभाष के अंतिम संस्कार के लिए परिजनों के 2 गुट हो गए। जोङ्क्षगद्रनगर से उसके पैतृक गांव से आए उसके रिश्तेदार व परिजन शव का दाह-संस्कार उसके पैतृक गांव करना चाहते थे, मगर उसकी बीवी उसका अंतिम संस्कार गलमा में करने पर अड़ी रही। इस विवाद के कारण काफी देर तक मैडीकल कालेज में शव का पोस्टमार्टम होने के बाद काफी देर तक विवाद बना रहा। आखिर में सुभाष की पत्नी की जिद पर उसका अंतिम संस्कार गलमा में किया गया। बता दें कि सुभाष वर्षों से अपने परिवार के साथ गलमा में रह रहा था।

शिकारियों पर कौन कसे शिकंजा

बीते कुछ वर्षों से लाइसैंसी हथियारों का दुरुपयोग बढ़ रहा है। पुलिस प्रशासन व वन विभाग के ऊपर अब लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि बेजुबान जंगली जानवरों व पक्षियों का धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा है, लेकिन इन शिकारियों पर शिकंजा कसेगा कौन।


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Ekta

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