Shimla: नए सत्र से प्राइवेट स्कूलों के लिए नहीं चलेंगी HRTC बसें, निगम प्रबंधन ने स्कूल प्रबंधन को लिखे पत्र

punjabkesari.in Wednesday, Dec 18, 2024 - 12:07 PM (IST)

शिमला (राजेश): नए साल व नए सत्र में एचआरटीसी शिमला शहर के प्राइवेट स्कूलों व कान्वैंट स्कूलों के लिए स्कूल बसें नहीं चलाएगा। शिमला लोकल डिपो में घटती बसों की संख्या और घाटे के चलते स्कूल बसें न चलाने का निर्णय लिया है। वहीं निगम प्रबंधन की ओर से पहले ही शिमला शहर के निजी व कान्वैंट स्कूल प्रबंधन को पत्र जारी कर दिए गए हैं और पत्र में साफ किया है कि निगम नए सत्र से बसें चलाने के लिए असमर्थ है। ऐसे में नए सत्र के लिए अपने स्तर पर स्कूल बसों का इंतजाम करें। सत्र समाप्त होते ही निगम प्रबंधन ने नए सत्र के लिए पहले ही सूचित कर दिया है।

बसों की कमी नहीं हुई तो निगम करेगा विचार
एचआरटीसी शहर और आसपास के उपनगरों में पढ़ने वाले स्कूलों के विद्यार्थियों को 20 किलोमीटर तक के दायरे में बस की सुविधा उपलब्ध करवाता है। यह सुविधा निगम प्रबंधन की ओर से रियायती दरों में दी जाती है। हालांकि निगम प्रबंधन ने यह भी कहा है कि निगम नई बसों की खरीद कर रहा है। यदि निगम के पास बसें पहुंचती हैं और शहर में बसों की कमी नहीं रहती है तो प्रबंधन स्कूल बसें चलाने पर विचार करेगा। सीजीएम एचआरटीसी पंकज सिंघल ने कहा कि नए सत्र से निगम शिमला शहर में निजी स्कूलों के लिए स्कूल बसें नहीं चलाएगा। निगम के पास बसों की कमी है। इस संबंध में निगम प्रबंधन की ओर से पहले ही निजी स्कूल प्रबंधन को पत्र लिख कर सूचित कर दिया गया है। निगम नई बसों की खरीद भी कर रहा है। 

निगम को लग रही करोड़ों की चपत
निगम प्रबंधन को निजी स्कूलों के लिए रियायती दरों पर बसें उपलब्ध करवाने से करोड़ों रुपए का सालाना घाटा भी हो रहा है। जानकारी के अनुसार निगम को हर वर्ष 16 से 20 करोड़ रुपए का नुक्सान हो रहा है। इसकी एक वजह यह है कि इन बसों का स्कूलों में विद्यार्थियों को स्कूल छोड़ने और स्कूल से घर ले जाने के लिए ही इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा अन्य रूटों पर इन बसों को चलाना संभव नहीं है। इसलिए यह सुविधा निगम के लिए घाटे का कारण भी बन रही है। 

इन स्कूलों के लिए निगम चलाता है बसें 
शिमला शहर में एचआरटीसी सेंट एडवर्ड, जीसस एंड मेरी, लोरेटो कॉन्वैंट ताराहाल, ऑकलैंड, सैक्रेड हार्ट ढली, स्टोक्स मैमोरियल स्कूल पुजारली, डीएवी न्यू शिमला और डीएवी टुटू समेत अन्य निजी स्कूलों को बसों की सुविधा उपलब्ध करवाता है। निगम करीब 56 रूटों पर यह बस सेवाएं दे रहा था।  

दिसम्बर के अंत में निगम की 24 बसें होंगी कंडम 
निगम के बेड़े में लगातार बसों की कमी हो रही है। शिमला शहर में चलने वाली स्वराज माजदा कंपनी की 24 बसें दिसम्बर माह में अपनी 15 साल की वैल्यू पूरी होने के बाद खड़ी हो जाएंगी। वहीं मार्च माह तक अन्य बसें भी स्क्रैप के लिए खड़ी हो जाएंगी। केंद्र सरकार की लगेज पॉलिसी के तहत ये बसें सड़कों पर नहीं दौड़ सकेंगी, जिससे शिमला शहर में बसों की कमी होगी। शिमला लोकल डिपो के तीन सैक्टरों में संचालित होने वाले 256 रूटों पर निगम हर रोज 2000 फेरे चलाता है।    
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here
हिमाचल प्रदेश की खबरें पढ़ने के लिए हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें Click Here


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Vijay

Related News