Shimla: एचपीयू के कर्मचारियों व शिक्षकों को फिर समय पर नहीं मिला वेतन, कुलपति कार्यालय के बाहर किया प्रदर्शन
punjabkesari.in Tuesday, Nov 04, 2025 - 06:29 PM (IST)
शिमला (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) के कर्मचारियों व शिक्षकों को एक बार फिर वेतन समय पर जारी नहीं हुआ है। अक्तूबर माह का वेतन अब तक जारी न होने से विश्वविद्यालय के कर्मचारियों में रोष उत्पन्न हो गया है। एक बार फिर विश्वविद्यालय में कर्मचारियों का मासिक वेतन समय पर जारी न होने से कर्मचारी एकजुट हो गए हैं। इसको लेकर कर्मचारियों के चारों संगठनों ने वेतन संघर्ष समिति का गठन किया है। इसी के साथ मंगलवार को वेतन संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने कुलपति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन के दौरान समिति के अध्यक्ष सुरेश वर्मा, उपाध्यक्ष प्रेम राज शर्मा, महासचिव नरेश कुमार शर्मा, समन्वयक राजेश ठाकुर व संयुक्त सचिव मोहन लाल शर्मा ने संबोधित किया। इस दौरान सभी पदाधिकारियों ने वेतन अब तक जारी न होने पर रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के कर्मचारियों को मासिक वेतन हर महीने की 1 तारीख को जारी हो रहा है, जबकि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को मासिक वेतन जारी करने में समय-समय पर देरी की जारी है।
वेतन जारी करने में हो रही देरी का कारण प्रदेश सरकार से मिलने वाली ग्रांट समय पर जारी न होना है। ऐसी स्थिति विश्वविद्यालय में बार-बार उत्पन्न हो रही है। कुछ माह पूर्व भी समय पर वेतन न मिलने पर कर्मचारियों व शिक्षकों को आंदोलन शुरू करने पर विवश होना पड़ा था। अब एक बार फिर वैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।
सुरेश वर्मा व नरेश कुमार शर्मा ने कहा कि वेतन समय पर जारी न होने से कर्मचारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और बैंकों की किस्तों को देने में देरी और पैनल्टी का जोखिम उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि विश्वविद्यालय की ग्रांट पूर्व की तरह एक साथ जारी की जाए, ताकि इस तरह की स्थिति उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि वीरवार को सुबह 10 बजे से विश्वविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
राजभवन मार्च करेगा हपुटवा
मासिक वेतन समय पर जारी न होने के विरोध में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिक्षक कल्याण संघ (हपुटवा) ने मंगलवार को बैठक की। इस दौरान निर्णय लिया गया कि मामले को लेकर राजभवन की ओर मार्च किया जाएगा और राज्यपाल के समक्ष मामले को उठाया जाएगा।

