Himachal Weather: छोटे वाहनों के लिए अटल टनल बंद, इस दिन से बारिश और बर्फबारी के आसार
punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2025 - 11:00 AM (IST)
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हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में बुधवार को लाहौल और रोहतांग समेत उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में ताजा बर्फबारी हुई। यह बर्फबारी मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक जारी रही, जिससे अटल टनल रोहतांग को छोटे वाहनों के लिए बंद कर दिया गया है। बर्फबारी के कारण इन इलाकों में 10 से 15 सेंटीमीटर तक बर्फ जमा हो गई, जिससे सड़क पर ब्लैक आइस बनने का खतरा बढ़ गया। ब्लैक आइस के कारण वाहनों के फिसलने की संभावना उत्पन्न हो गई है, जो यातायात को प्रभावित कर रही है।
इसी बीच, लाहौल घाटी के गोंधला गांव में पीर पंजाल की चोटी से एक बड़ा हिमस्खलन हुआ। हिमस्खलन के कारण बर्फ का एक बड़ा हिस्सा चंद्रा नदी तक पहुंच गया। हालांकि, इस हिमस्खलन से किसी प्रकार का कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। गोंधला पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि सर्दियों में इस क्षेत्र में कई बार हिमस्खलन होते रहते हैं। इस घटना के बाद, डीएसपी केलांग, राजकुमार ने भी पुष्टि की कि इस हिमस्खलन से कोई नुकसान नहीं हुआ है। यह इस हफ्ते का दूसरा हिमस्खलन था।
बर्फबारी के कारण हिमाचल प्रदेश में सड़क यातायात भी प्रभावित हुआ है। अटल टनल के अलावा लाहौल-स्पीति में 77 सड़कें अभी भी यातायात के लिए बंद हैं। कुल्लू जिले में भी दोपहर के बाद तेज हवाएं चलने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान शिमला में मौसम मिश्रित रहा। सुबह हल्के बादल थे, फिर दोपहर को मौसम साफ हुआ, लेकिन शाम होते-होते फिर बादल उमड़ आए। शिमला में तेज हवाओं का दौर जारी रहा, जिससे ठंड में और वृद्धि हुई।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण 16 फरवरी से हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में फिर से बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है। 16 से 18 फरवरी तक मौसम खराब बने रहने का पूर्वानुमान है, जिससे फिर से बर्फबारी और बारिश की संभावना जताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम के इस उतार-चढ़ाव से स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बर्फबारी और हिमस्खलन के कारण यातायात ठप हो जाता है, जिससे यात्रा करने वाले लोगों को रुकावटों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर अटल टनल रोहतांग जैसे महत्वपूर्ण मार्गों पर बर्फबारी का असर अधिक देखा जाता है। यह मार्ग छोटे वाहनों के लिए बंद होने से यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ता है, जो लंबा और कठिन हो सकता है।