केंद्रीय बजट पर हिमाचल की निगाहें, रेल और एयरपोर्ट परियोजनाओं के लिए फंडिंग की आस
punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2025 - 12:35 PM (IST)
शिमला (कुलदीप शर्मा): संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है, जिसके दूसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट प्रस्तुत करेंगी। गंभीर वित्तीय हालात के दौर से गुजर रहे हिमाचल प्रदेश को इस बजट से बहुत सी उम्मीदें हैं, ऐसे में केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत जितनी अधिक धनराशि उपलब्ध होगी, प्रदेश में विकास की गति और तेजी पकड़ पाएगी। केंद्रीय बजट में रेल विस्तार की संभावनाएं हर बार रहती हैं और प्री-बजट बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी जैसलमेर बैठक में प्रदेश की पैरवी करके आए हैं।
सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यटन क्षेत्र को पंख लगाने के लिए केंद्रीय मदद की आवश्यकता
प्रदेश सरकार भानुपल्ली-बिलासपुर और चंडीगढ़-बद्दी जैसी रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में कम से कम 50 फीसदी केंद्रीय हिस्सेदारी चाहती है। राज्य सरकार का तर्क है कि संयुक्त उद्यम की बजाय इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का क्रियान्वयन केंद्र सरकार की तरफ से किया जाना चाहिए। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश चीन के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से सटा हुआ है, इसके दृष्टिगत इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय हिस्से का भुगतान करने में सरकार को पूरी तरह छूट दी जानी चाहिए। इसी तरह कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार के लिए भी प्रदेश सरकार को मदद की दरकार है। यानी सरकार केंद्रीय योजनाओं में विशेष सहायता की उम्मीद लगाए बैठी है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पर्यटन क्षेत्र को पंख लगाने के लिए केंद्रीय मदद की आवश्यकता है। राज्य सरकार के साथ प्रदेश के आयकरदाता, व्यापारी वर्ग, महिलाएं, आम आदमी और युवा बेरोजगार की आस भी केंद्रीय बजट पर टिकी है।
कहां तक पहुंची हिमाचल की रेल
हिमाचल प्रदेश में रेलवे नैटवर्क को विकसित करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन यह गति धीमी है। इसमें भानुपल्ली को बिलासपुर से जोड़ने के लिए 6,753.42 करोड़ रुपए खर्च आएगा। मार्च 2027 तक बिलासपुर को रेललाइन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा चंडीगढ़ और बद्दी को जोड़ने वाली 31 किलोमीटर लंबी रेललाइन पर भी 1540.13 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं तथा दिसम्बर 2025 तक यह कार्य पूरा किया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश सरकार की तरफ से इसके लिए करीब 275 करोड़ रुपए अपने हिस्से की राशि इस बार उपलब्ध करवाई गई है।
केंद्रीय योजनाओं में इस समय मिल रही 5000 करोड़ की मदद
हिमाचल प्रदेश को इस समय 65 केंद्रीय योजनाओं में करीब 5000 करोड़ रुपए की मदद मिल रही है। राज्य सरकार इस राशि को बढ़ाए जाने की उम्मीद में बैठी है। पिछले केंद्रीय बजट में इसमें करीब 1155 करोड़ रुपए की बढ़ौतरी दर्ज की गई थी।
केंद्रीय बजट में ये भी चाहती है राज्य सरकार
राज्य सरकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत रज्जू मार्गों को सम्मिलित करने और पीएमजीएसवाई के तहत किए गए कार्यों के लिए 10 फीसदी स्टेट शेयर तथा 5 वर्षों के लिए रखरखाव लागत उपलब्ध करवाने का आग्रह कर रही है। इसी तरह जियोमैट्रिक इंजीनियरिंग, जियोसांइसिज, एन्वायरनमैंट इंजीनियरिंग, आपदा आधारित तथा न्यू ऐज तकनीक आधारित पाठ्यक्रमों एवं तकनीकी, वोकेशनल एजुकेशन और अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित करते हुए प्रदेश में बहुुउद्देश्यीय संस्थानों सहित स्किल यूनिवर्सिटी स्थापित करने में मदद चाहती है। वन संरक्षण अधिनियम के नए प्रावधानों के तहत प्रदेश में नए सैटेलाइट टाऊन स्थापित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सीवरेज ट्रीटमैंट सुविधा, प्राकृतिक खेती तथा दुग्ध प्रसंस्करण के लिए धन उपलब्ध करवाने और एग्रो पार्क स्थापित करने का आग्रह राज्य सरकार कर रही है। इसी तरह सेब उत्पादकों के हितों को ध्यान में रखते हुए सेब के आयात पर सीमा शुल्क को 50 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का आग्रह राज्य सरकार कर रही है।
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