Himachal: भूस्खलन की चपेट में कालंग गाँव, हर पल मंडरा रहा है खतरा, ग्रामीणों ने लगाई गुहार
punjabkesari.in Sunday, Jul 13, 2025 - 10:20 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में विख्यात धार्मिक पर्यटन स्थल पराशर घाटी के नजदीक बसा कालंग गाँव इन दिनों भारी भूस्खलन के कारण गंभीर खतरे में है। शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने गाँव के नीचे पहाड़ी के एक विशाल हिस्से को खिसका दिया है, जिससे यहाँ रहने वाले 14 परिवारों की रातों की नींद उड़ गई है। लगातार हो रही बारिश और उसके कारण होने वाले भूस्खलन ने ग्रामीणों को दहशत में डाल दिया है, जिससे वे भय के साये में जीने को मजबूर हैं।
ग्रामीणों के अनुसार, इस क्षेत्र में पहाड़ियों का धंसना वर्ष 2023 से ही शुरू हो गया था। हर साल बागी नाला क्षेत्र में यह भूस्खलन तबाही मचाता रहा है, लेकिन इस बार स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है। कालंग गाँव के ठीक नीचे स्थित कलवाड़ गाँव के तीन परिवार पहले ही अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ले चुके हैं। वे दिन के समय कुछ जरूरी कामों के लिए अपने घरों में लौटते हैं, लेकिन रात होते ही फिर से सुरक्षित जगहों पर चले जाते हैं। यह दिखाता है कि ग्रामीणों में कितना गहरा डर समाया हुआ है।
शुक्रवार रात की भीषण बारिश के बाद हुए ताजा भूस्खलन ने कालंग गाँव की स्थिरता और वहाँ रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगा दिया है। पिछले तीन वर्षों में भी भूस्खलन के कारण ग्रामीणों की सैकड़ों बीघा उपजाऊ भूमि बह चुकी है, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। लेकिन इस बार खतरा सीधे तौर पर गाँव के अस्तित्व पर मंडरा रहा है। यह अब केवल कृषि भूमि के नुकसान का मामला नहीं, बल्कि लोगों के घरों और जीवन की सुरक्षा का सवाल बन गया है।
गाँव के निवासी राज ठाकुर, बीरी सिंह, लाल सिंह, यशपाल, जगदीश, चूड़ामणि, राम सिंह, यादव सिंह, कुर्मदेव, उताम, मान सिंह और गुड्डू राम सहित अन्य ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन से तत्काल मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने अपील की है कि प्रशासन जल्द से जल्द गाँव का स्थलीय निरीक्षण करे और बचाव एवं एहतियाती सुरक्षा उपाय करे।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होने की आशंका है। ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और उनके जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।