हिमाचल सरकार का बड़ा फैसला, पुराने पुलों को हटाने की तैयारी, बनेंगे नए
punjabkesari.in Tuesday, Apr 15, 2025 - 10:46 AM (IST)

हिमाचल डेस्क। हिमाचल प्रदेश में अब पुराने और जर्जर हो चुके पुलों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। 60 से 70 साल पहले बने ये पुल अब वाहन भार सहने में सक्षम नहीं हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने प्रदेश के सभी वाहन योग्य पुलों का ऑडिट करवाया है, जिसमें कई पुलों की हालत बेहद खराब पाई गई है। बार-बार इनकी मरम्मत करवानी पड़ रही है, जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है।
अब सरकार ने फैसला लिया है कि इन पुराने पुलों को हटाकर उनकी जगह नए और मजबूत पुलों का निर्माण किया जाएगा। इस काम के लिए जोन, मंडल और उपमंडल स्तर पर इंजीनियरों की टीमें गठित की गई हैं, जिन्होंने पुलों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट दी है। पुलों पर रोजाना सैकड़ों वाहन चलते हैं। कई जगहों पर आपदाओं के कारण भी पुल टूट चुके हैं, जिनकी जगह अब नए पुल बनाए जाएंगे। खासकर साल 2023 में आई आपदा में 21 पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे।
सरकार इन पुलों का पुनर्निर्माण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) चरण-3 के तहत करेगी। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कुल 140.90 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इसमें से 126.81 करोड़ रुपये केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष 14.09 करोड़ रुपये राज्य सरकार वहन करेगी। हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति और मंडी जिलों में इन नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, सरकार ने आपदा प्रभावित इलाकों के लिए 28 बैली ब्रिज भी खरीदे हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर तुरंत स्थापित किया जा सकेगा।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह खुद इस काम की निगरानी कर रहे हैं। वह कुल्लू दौरे पर हैं और वहां सैंज-ओट-लुहरी राष्ट्रीय राजमार्ग-305 पर गिरे पुल का निरीक्षण करेंगे। यह पुल 1970 में बना था। जब तक नया RCC पुल नहीं बन जाता, तब तक वहां बैली ब्रिज लगाया जाएगा ताकि यातायात बहाल रखा जा सके।