स्वास्थ्य विभाग के दावों की खुली पोल, VVIP ड्यूटी के लिए DDU में वाहन नहीं

punjabkesari.in Friday, Sep 13, 2019 - 03:34 PM (IST)

शिमला (जस्टा) : वी.वी.आई.पी. ड्यूटी को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर होता नजर नहीं आ रहा है। इसका उदाहरण क्षेत्रीय अस्पताल डी.डी.यू. में वी.वी.आई.पी. ड्यूटी के लिए वाहन न होने से देखा जा सकता है। यहां पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि शिमला में काफी सारे वी.वी.आई.पी. दौरे होते है अगर डी.डी.यू. अपताल से वी.वी.आई.पी. दौरे पर जाना पड़ता है तो गाड़ी ही नहीं है। इससे पहले प्रशासन के पास 21 साल पुरानी गाड़ी थी, लेकिन उसकी ब्रेक डाऊन हो चुकी है। अब इससे नहीं चलाया जा रहा है।

प्रशासन ने गाड़ी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अवगत करवाया था। हालांकि विभाग ने गाड़ी चलाने को लेकर आर्डर भी जारी किए है। जिस गाड़ी को चलाने के आर्डर जारी किए है वह गाड़ी 14 साल पुरानी है और सूमो गाड़ी है। यह गाड़ी वी.वी.आई.पी. दौरे पर बिल्कुल भी नहीं चल सकती है। यहां पर वी.वी.आई.पी. दौरे के लिए छोटी एंबुलैंस या फिर कोई अन्य गाड़ी होनी चाहिए। ताकि जब भी वी.वी.आई.पी. दौरा हो तो उस दौरान गाड़ी पीछे न रहे। सेक्युरिटी और सेफ्टी वी.वी.आई.पी. प्रोटोकाल का हिंसा है। सेक्युरिटी में पुलिस विभाग ने फॉर्चिन्यूनर गाड़ी दे रखी है, जबकि स्वास्थ्य विभाग में वैन होती है। जब इससे टारगेट में चलना पड़ता है तो वह गाड़ी मिलों दूर पीछे रह जाती है। स्वास्थ्य विभाग वी.वी.आई.पी. ड्यूटी का महत्व नहीं समझ रहा है।

स्वास्थ्य विभाग वैसे तो सुविधा देने को लेकर एक से बढक़र एक दावा करता है, लेकिन इन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। प्रशासन ने स्वास्थ्य निदेश को कई पत्र भेज दिए है, लेकिन अभी तक गाड़ी को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है। प्रशासन ने तो यह तय कर लिया है कि जिस वाहन चलाने को लेकर विभाग ने आर्डर जारी किए है वह वाहन प्रशासन बिल्कुल भी नहीं चलाएगा, क्योंकि यह वाहन बहुत पुराना है। यह वाहन कम से कम 2 लाख किलोमीटर से ऊपर चला हुआ है। वी.वी.आई.पी. ड्यूटी के लिए वाहन का होना बहुत जरूरी है। अभी तक वी.वी.आई.पी. ड्यूटी देने के लिए कोई वाहन नहीं है।


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Edited By

Simpy Khanna

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