लंबे समय से लटके कूड़ा संयत्र प्रोजेक्ट को फिर शुरू हुई कदमताल
punjabkesari.in Wednesday, Aug 19, 2020 - 03:30 PM (IST)
ऊना अमित शर्मा : ऊना में यूएसए की तर्ज पर कचरे का दोहन कर उससे बिजली, पानी और ईंधन तैयार करने को लेकर दो साल पहले एक निजी कंपनी और ऊना नगर परिषद के बीच एमओयू साइन हुआ था। कंपनी को भूमि देने के लिए काफी जद्दोजहद भी हुई और प्रशासन द्वारा भूमि का चयन भी किया गया लेकिन लोगों के भारी विरोध के बाद वहां यह प्रोजेक्ट नहीं लग पाया था। अब एक बार फिर निजी कंपनी और जिला प्रशासन के बीच हुई बैठक के बाद इस प्रोजेक्ट के सिरे चढ़ने की आस जग गई है।
ऊनावासियों को कूड़े-कचरे की समस्या से निजात दिलाने के लिए दो साल पहले ऊना नगर परिषद सहित तीन नगर निकायों और 26 ग्राम पंचायतों का एक निजी कंपनी के साथ एमओयू साइन हुआ था। लेकिन कंपनी को प्रोजेक्ट लगाने के भूमि न मिल पाने के चलते यह योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई थी। आज निजी कंपनी और डीसी ऊना के बीच हुई बैठक के बाद एक बार फिर से ऊना जिला में प्रदेश का पहला कूड़े-कचरे से बिजली, पानी और ईंधन बनाने की योजना जल्द शुरू होने की आस जग गई है। दरअसल कचरे का दोहन कर बिजली, पानी और ईंधन बनाने का काम जर्मनी की AG DAUTERS कंपनी द्वारा किया जायेगा। कंपनी विदेशी निवेश के जरिये ऊना में करीब 400 करोड़ रुपये की लागत से प्लांट स्थापित करना चाहती है।
इस प्लांट के लिए सरकार द्वारा कंपनी को 2 एकड़ भूमि लीज पर उपलब्ध करवानी थी। जिसके लिए प्रशासन ने कदमताल भी की थी और भूमि का चयन भी किया गया था लेकिन जिस गांव में भूमि का चयन किया गया था वहां के ग्रामीणों के विरोध के बाद प्लांट स्थापित नहीं हो पाया। हालांकि कंपनी ने जिला प्रशासन को पंडोगा स्थित इंडस्ट्री एरिया में भूमि उपलब्ध करवाने की भी मांग की थी और कंपनी वाकायदा उस भूमि की कीमत भी अदा करने को तैयार थी। लेकिन पिछले काफी समय से लटके इस प्रोजेक्ट को एक बार फिर आगे बढ़ाया गया है, जिसे लेकर डीसी ऊना संदीप कुमार, नगर परिषद के अध्यक्ष बाबा अमरजोत सिंह बेदी और कंपनी के एमडी अजय गिरोत्रा की बैठक हुई। डीसी ऊना संदीप कुमार ने माना की गार्बेज मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती है और निजी कंपनी द्वारा जो प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन किया गया है उसे सिरे चढ़ाने की दिशा में प्रशासन उचित कदम उठा रहा है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक अजय गिरोत्रा ने कहा कि कंपनी जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहती है और इसके लिए सरकार को एक रुपया भी खर्च नहीं करना है। उन्होंने कहा कि अगर लीज पर भूमि नहीं मिल पाती है तो कंपनी भूमि खरीदने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार और प्रशासन सहयोग करता है तो इस प्लांट के साथ ही कंपनी जिला में फार्मासिटुकल का प्लांट भी लगाने के लिए तैयार है। नगर परिषद के अध्यक्ष अमरजोत सिंह बेदी ने कहा कि 2018 से वो इस प्लांट को ऊना में लगवाने के लिए प्रयासरत है। बाबा अमरजोत सिंह बेदी ने बताया कि दिशा की बैठक में वित्त राजयमंत्री अनुराग ठाकुर ने भी प्रशासन से इस प्रोजेक्ट पर काम करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद एक बार फिर इस योजना को आगे बढ़ाने की दिशा में काम शुरू हो गया है।