Himachal: शातिर ने हैक की सरकारी वैबसाइट, फर्जी सीएम रिलीफ फंड पेज बनाकर लाेगाें से ठगे पैसे
punjabkesari.in Sunday, Aug 10, 2025 - 07:59 PM (IST)

शिमला (संतोष): आपदा में अवसर का लाभ उठाते हुए शातिर ने इस बार उद्योग विभाग की वैबसाइट को ही हैक कर डाला और एक फर्जी सीएम रिलीफ फंड के नाम से पेज बना डाला। यही नहीं शातिर ने अपना बैंक खाता और स्कैनर भी उसमें डाल दिया है, जिस पर लोगों ने सीएम रिलीफ फंड के नाम पर भुगतान भी किया है। अब यह कितना भुगतान हुआ है, इसके बारे में पुलिस ने जानकारी मांगी है, ताकि वास्तविक पैसे की जानकारी मुहैया हो सके, क्योंकि जब चार दिन बाद इसे खोला गया तो इस पूरे मामले को जांचने के लिए उनके केंद्र में तैनात कर्मचारी ने अपने बैंक खाते से एक रुपए का ट्रांजैक्शन इस खाते में किया और यह ट्रांजैक्शन सफलतापूर्वक हो गया।
अब विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा की ओर से पुलिस थाना छोटा शिमला में मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2021 से उद्योग विभाग शिमला में कार्यरत हैं। विभाग की वैबसाइट शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश स्टेट डाटा सैंटर मैहली में होस्ट की गई है। 28 जुलाई को विभाग में तैनात एक कर्मचारी ने उन्हें बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने वैबसाइट पर सीएम रिलीफ फंड के नाम से एक वैब पेज बनाकर अपना बैंक खाता और क्यूआर कोड डाल रखा है।
शिकायत में बताया गया कि वैबसाइट पर कोई भी पेज डालने की अनुमति केवल मैहली स्थित डाटा सैंटर टीम को है। डाटा सैंटर टीम ने पुष्टि की है कि 26 जुलाई को यह फर्जी वैब पेज अपलोड किया गया था। सुरक्षा कारणों से 28 जुलाई को वैबसाइट बंद कर दी गई और जरूरी दिशा-निर्देशों के बाद 29 जुलाई को दोबारा शुरू की गई। जांच के दौरान 29 जुलाई को विभाग की एक कर्मचारी ने अपने निजी एचडीएफसी खाते से परीक्षण स्वरूप 1 रुपए का लेन-देन किया। यह लेन-देन एक अज्ञात व्यक्ति की यूपीआई आईडी से जुड़ी मिली।
शिकायत में बताया गया है कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि 26 से 28 जुलाई के बीच कितनी राशि आम जनता ने इस फर्जी खाते में जमा की है। उनका आरोप है कि अज्ञात व्यक्ति ने सरकारी वैबसाइट को हैक कर अपने बैंक खाते का क्यूआर कोड डालकर न केवल जनता से ठगी की, अपितु विभाग और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की।
एसएसपी शिमला संजीव गांधी ने कहा कि छोटा शिमला पुलिस थाना में अज्ञात आरोपी के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 318(4) तथा आईटी एक्ट की धारा 66(सी) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ठगों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए तकनीकी जांच जारी है।