जी का जंजाल बना फोरलेन मुआवजा, किश्तों में दिए अवार्ड पर फोरलेन प्रभावित खफा

punjabkesari.in Monday, Jun 21, 2021 - 11:32 AM (IST)

नूरपुर (राकेश भारती): फोरलेन परियोजना के लिए 40 के करीब कस्बों की सड़क किनारे स्थित कीमती जमीन के लिए मुआवजे के जो अवार्ड घोषित किए गए हैं, उसमें एक ही स्थान की एक समान जमीन के लिए 3 अलग-अलग दरों पर मुआवजा दिया गया है। फोरलेन संघर्ष समिति ने भू-मुआवजा अधिकारी कार्यालय की इस विसंगति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए इसका कारण जानना चाहा कि एक ही जमीन के लिए 3 विभिन्न रेट क्यों व किस आधार पर दिए गए हैं तथा एक जमीन का एक रेट क्यों नहीं दिया जा रहा है। फोरलेन संघर्ष समीति की जसूर में आयोजित एक बैठक के उपरांत समीति के अध्यक्ष दरबारी सिंह व महासचिव विजय सिंह ने बताया कि एक ही स्थान पर स्थित जमीन के लिए एक बार 8 लाख प्रति कनाल की दर से तो दूसरी बार अन्य दाम की दर से विभिन्न किश्तों में मुआवजा अवार्ड किया गया है। समिति व समस्त प्रभावित लोग इस बात का स्पष्टीकरण चाहते हैं कि एक समान जमीन के लिए एक ही रेट न देकर विभिन्न रेट क्यों दिए जा रहे हैं। इस कारण प्रभावित लोगों में भारी असमंजस व्याप्त है।

मुआवजे की अवार्ड प्रतिलिपी दी जाए

समिति के पदाधिकारियों सुदर्शन शर्मा, सुभाष पठानिया तथा सुखदेव गुलेरिया का मानना था कि नूरपुर स्थित भू-मुआवजा सक्षम अधिकारी द्वारा कई मास पहले अवार्ड घोषित करने के बावजूद यह अवार्ड पत्र संबंधित लोगों को नहीं प्राप्त हुए हैं जिस कारण प्रभावित लोग मुआवजा संबंधी कई बातों से अनभिज्ञ हैं। अधिकांश संख्या ऐसे लोगों की है जो यह जानते नहीं हैं कि यह मुआवजा उनकी कितनी जमीन का था तथा कितनी दर से दिया गया है। प्रत्येक व्यक्ति को उसके घर के पते पर उसको दिए अवार्ड की प्रतिलिपी भेजी जाए। समिति के अन्य पदाधिकारी रामचंद शास्त्री, ईश्वर शर्मा व जुगल किशोर का कहना था कि उनकी भूमि पर बने भवनों, परिसरों के मुआवजे बारे भी सरकार स्पष्ट तौर पर बताए कि यह किस कसौटी व नियम के तहत दिए जा रहे हैं। उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक यहां भी यह मुआवजा फोरलेन अधिनियम 2013 को दरकिनार कर किसी अन्य पुराने नियम के आधार पर दिया जा रहा है जो कि प्रभावित लोगों के साथ अन्याय है। जब तक भवनों के मुआवजे की उचित दर पर अदायगी नहीं हो जाती, प्रभावित लोग अपनी भूमि तथा परिसरों का अधिग्रहण नहीं करने देंगे। बैठक में भारत भुषण वक्षी सहित अन्य लोग भी शामिल रहें।

नूरपुर एसडीएम डाॅ. सुरेंद्र ठाकुर ने कहा कि नेशनल हाईवे अॅथारिटी के तहत प्रोजेक्ट डायरेक्ट द्वारा जिस प्रकार रिकार्ड दिया गया है, उसी प्रकार 2 विभिन्न अवार्ड अभी दिए गए हैं तथा तीसरा भी शायद दिया जाए। मुआवजे की राशि प्रति राजस्व मुहाल के क्रम से डाली जाना शुरु हो चुकी है। अवार्ड का विवरण विभाग के कार्यालय में देखा जा सकता है तथा अवार्ड की प्रतिलिपि के लिए आवेदन किया जा सकता है। इमारतों के मुआवजे को एन.एच.ए. अपने स्टाफ द्वारा बनाई रिपोर्ट के आधार पर देगा तथा उसमें इमारत की निर्माण अवधि मुख्य आधार होगी। 


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prashant sharma

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