किसान-बागवानों को मिले संरक्षण वर्ना शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी : टिकैत
punjabkesari.in Saturday, Aug 28, 2021 - 11:26 PM (IST)

शिमला/सोलन (राक्टा/ब्यूरो): किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत ने केेंद्र सरकार को चेताया है कि देश में कंपनियों का राज नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि करीब 10 साल पहले हिमाचल में अदानी ने व्यापार करना शुरू किया था, जिसका असर अब देखने को मिल रहा तथा परिणामस्वरूप सेब के दाम यहां एकाएक कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि किसान संयुक्त मोर्चा हिमाचल के बागवानों की आवाज को उठाएगा तथा सेब के दाम नहीं गिरने देंगे। राकेश टिकैत ने शनिवार को शिमला व सोलन में पत्रकार वार्ता कर यह बात कही। उन्होंने चेताया कि प्रदेश की राजधानी शिमला ठंडी जगह है लेकिन यहां के मौसम को गर्म होने में समय नहीं लगेगा। जिस प्रकार दिल्ली में किसान डटे हैं, उसी तरह शिमला को दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने प्रदेश सरकार से हिमाचल के किसानों व बागवानों को ट्रांसपोर्ट सबसिडी प्रदान करने तथा संरक्षण देने की मांग भी की।
...तो उसकी जिम्मेदारी किसानों की नहीं होगी
टिकैत ने कहा कि यदि किसानों व बागवानों के साथ षड्यंत्र करने वालों के गोदाम खोद दिए जाते हैं, तो उसकी जिम्मेदारी किसानों की नहीं होगी। टिकैत ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार किसी एक पार्टी की नहीं है बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है। इसलिए किसानों और बागवानों के साथ षड्यंत्र हो रहे हैं, जिससे अब हिमाचल भी अछूता नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में आगामी 5 सितम्बर को बड़ी पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देशभर से किसान व उसके प्रतिनिधि आएंगे तथा आंदोलन की आगामी रूपरेखा तैयार होगी। उन्होंने कहा कि यदि केंंद्र सरकार ने तीनों काले कानून वापस नहीं लिए तो आने वाले समय में पूरे देश में आंदोलन शुरू होंगे। टिकैत ने कहा कि सेब के जो दाम 2011 में मिलते थे, वही आज मिल रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार 2022 में किसानों की आय दो गुना करने की बात कह रही है।
किसानों का झंडा लगाओ टोल नहीं लगेगा
राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग अपनी गाड़ियों में किसानों का झंडा लगाएंगे, उन्हें टोल नहीं देना पड़ेगा। नैशनल हाईवे95 पर सनवारा में टोल प्लाजा पर कोई टोल नहीं दिया। इसके लिए किसानों का झंडा तो लगाना पड़ेगा।
किसान हमारी बात मानें, केंद्र सरकार की जरूरत नहीं होगी
राकेश टिकैत ने कहा कि किसान हमारी बात मान लें तो केंद्र सरकार की हमें कोई जरूरत नहीं रहेगी क्योंकि केंद्र को किसानों की बातों को मानने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इसके लिए किसानों का एकजुट होना जरूरी है। राकेश टिकैत का कहना है कि देश में सब्जियों के दाम इसलिए गिरते-चढ़ते रहते हैं क्योंकि कि देश में कोई कृषि मंत्री ही नहीं है। यह देश के साथ धोखा है।