कांगड़ा में तूफान व बारिश, आसमानी बिजली गिरी, जनजीवन अस्त-व्यस्त

punjabkesari.in Thursday, Feb 07, 2019 - 08:05 PM (IST)

धर्मशाला: जिला कांगड़ा में पिछले 2 दिन से जारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भारी बारिश के चलते जिला के कई स्थानों से कई घंटे बत्ती गुल रहने से लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी है। बारिश के दौरान तेज हवाएं चलने से गज कालापुल 33 के.वी. फेल होने से बिजली की आपूर्ति ठप्प हुई है। इसके चलते कई जगहों पर 5 से 6 घंटे का ब्लैक आऊट रहा। जिला मुख्यालय स्थित क्षेत्रीय फोरैंसिक लैब धर्मशाला के समीप एक सूखा पेड़ हवाओं के चलते गिर गया। हालांकि घटना के समय कोई गाड़ी व आदमी के वहां न होने के चलते किसी प्रकार की जान-माल का नुक्सान नहीं हुआ है।  लगातार 2 दिन बारिश व ओलावृष्टि से तापमान में भारी गिरावट आई है। अभी तक सड़कों के नुक्सान होने व जिला के रूटों के बंद होने की सूचना नहीं मिली है लेकिन लगातार हो रही बारिश से नुक्सान बढऩे की आशंका जताई जा रही है।

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कल तक सताएगा मौसम

मौसम विभाग की मानें तो बारिश व बर्फबारी शुक्रवार को भी जारी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक वीरवार को जिला कांगड़ा के मुख्यालय धर्मशाला समेत अन्य इलाकों में 42.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। उधर, मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि वीरवार को धर्मशाला में 42.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है और शुक्रवार को भी मौसम खराब रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि शनिवार से मौसम साफ रहेगा।

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इंदौरा के 20 गांवों में बिजली ठप्प

गत दिवस से निरंतर हो रही भारी बारिश के चलते इंदौरा के करीब 20 गांवों में रात से ही विद्युत सेवा ठप्प है। अनोह क्षेत्र के गांवों के लोगों की गेहूं की फसल के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं  है। उधर, संतरा व्यापारियों की मानें तो एक तो संतरे का रेट कम रहा है दूसरी ओर ओलावृष्टि से संतरे के फल को नुक्सान हो रहा है, जिससे संतरा व्यापारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें देखी जा सकती हैं।

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फसल के लिए वरदान होगी बारिश

गरली, परागपुर, बणी व आसपास के क्षेत्रों में बुधवार रात भर बादलों की गर्जना के साथ रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला जारी रहा जबकि गुरुवार सुबह से ही कहीं कम तो कहीं जमकर मेघ बरसे व ओलावृष्टि हुई। क्षेत्र के किसानों रमेश कुमार, गुरपाल सिंह व राकेश कुमार इत्यादि का कहना है कि जहां इस ओलावृष्टि से नकदी फसलों को कुछ नुक्सान हुआ है, वहीं गेहूं की फसल के लिए यह वरदान साबित होगी।

 


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Kuldeep

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