उत्तर पूर्वी राज्यों की तर्ज पर हो हिमाचल के जनजातीय क्षेत्रों का विकास: राम स्वरूप

punjabkesari.in Thursday, Sep 13, 2018 - 10:23 AM (IST)

सुंदरनगर (अदीप सोनी): मंडी लोकसभा क्षेत्र के सांसद रामस्वरूप शर्मा का कहना है कि मंडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते पांगी, लाहौल-स्पीति व किन्नौर के जनजातीय क्षेत्र विकास के मामले में बहुत पिछड़े हुए हैं। एक विशेष भेंट में उन्होंने कहा कि यदि बॉर्डर क्षेत्रों के इन जनजातीय इलाकों के समग्र विकास की कोई योजना अमल में नहीं लाई गई तो इन इलाकों के लोग अन्य क्षेत्रों को पलायन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जिस प्रकार देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में विकास की विशेष योजनाएं लागू की गई हैं, उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के इन जनजातीय क्षेत्रों का विकास करने की भी विशेष योजना होनी जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने केंद्रीय सरकार से एक बड़ी योजना बनाने का अनुरोध किया है। 

उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 वर्ष बाद भी इन जनजातीय क्षेत्रों के लिए केंद्र की पिछली सरकारों ने समग्र विकास की कोई ठोस योजना नहीं बनाई। उन्होंने कहा कि वहां न तो सड़कें बनाई जा सकी हैं और न ही वहां सही ढंग से दूरसंचार सेवाओं को विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि वहां उच्च क्षमता कीसैटेलाइट प्रणाली की आवश्यकता है क्योंकि बॉर्डर एरिया के इन जनजातीय क्षेत्रों में चीन के सिग्नल शक्तिशाली होने से हमें अपनी दूरसंचार सेवाओं को और शक्तिशाली करना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पांगी सहित इन सभी जनजातीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा को विकसित करना ज्यादा उपयुक्त हो सकता है। रामस्वरूप शर्मा ने कहा कि मंडी में कलस्टर यूनिवर्सिटी बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। 

भविष्य में प्रदेश के 6 जिलों के कालेज इस कलस्टर यूनिवर्सिटी के साथ जोडऩे की योजना है। पठानकोट-मंडी फोरलेन सड़क पर पधर के निकट कोटरोपी में पहाड़ दरकने से लगातार हो रहे भू-स्खलन बारे पूछने पर उन्होंने कहा कि कोटरोपी में फोरलेन फ्लाईओवर बनाकर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। पर्यटन के विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मंडी जिला के बल्ह क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बड़ा एयरपोर्ट बनाने का निर्णय हो गया है, उसका कार्य अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भुंतर के हवाई अड्डे का विस्तार कर उसे बड़े जहाज उतारने योग्य बनाया जाएगा। 


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Ekta

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