Mandi: एक हजार देवलुओं संग छोटी काशी पधारेंगे देव चुंजवाला, पैदल तय करेंगे 212 किलोमीटर का सफर
punjabkesari.in Friday, Feb 21, 2025 - 10:05 AM (IST)

मंडी (नीलम): बालीचौकी के देव चुंजवाला अपने एक हजार देवलुओं संग 24 फरवरी को अपनी कांडा कोठी से रवाना होंगे तथा 212 किलोमीटर पैदल सफर तय कर 26 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में भाग लेंगे। प्रथम दिन देवता का रात्रि ठहराव बालीचौकी जबकि 25 फरवरी को पंडोह में रहेगा।
राजदेवता माधोराय से मिलन करने के बाद देवता राजबेहड़े में थोड़ी देर रुकेंगे और इसके बाद देव संस्कृति सदन कांगणीधार में रहेंगे। दिन में देवता पड्डल में पीपल के पेड़ के नीचे विराजमान होकर भक्तों को आशीर्वाद देंगे। इनका स्वरूप भगवान शंकर को समर्पित है। इसके अलावा बागीथाच कांडा देव चुंजवाला के देवलु भी शिवरात्रि महोत्सव में पधारने की तैयारियों में जुटे हैं। देव चुंजवाला महादेव संतान दाता के नाम से भी जाने जाते हैं और यह पुरानी बीमारियों को भी दूर करते हैं। देवता के कारदार बुधे राम ने बताया कि देव प्राचीन समय से ही मेले में शिरकत करते हैं और जलेब में हिस्सा लेते आए हैं।
सोने-चांदी व 3 कोठियों के हैं मालिक
एक क्विंटल चांदी के मालिक देव चुंजवाला 3 कोठियों के मालिक हैं। बालीचौकी के शालागाढ़, कांडा और शिबाड़ी में इनकी कोठियां हैं। देवता के रथ में 8 मोहरे लगे हैं जिनमें एक अष्ट धातु का जबकि बाकी सोने के हैं। शिव काे समर्पित देव चुंजवाला 12 पंचायतों के मालिक हैं तथा हर वर्ष इनके मंदिर में मई महीने में होम जाग का आयोजन होता है।
देव मोहरा राजा के साथ करता था बातचीत
बताते हैं कि देव चुंजवाला महादेव का एक मोहरा ऐसा था जो प्राचीन समय में राजा के साथ बातचीत करता था। इसके अलावा देवता का एक बाजा था जिसे आम भाषा में बाम कहा जाता है। महाशिवरात्रि के समय जब उस बाम को बजाया जाता था तो राजमहल में राजबेहड़े की छत से स्लेट गिर जाता था। इसके बाद राजा के आदेश पर देवता के बाम को काट दिया था और उस काटे गए बाम का हिस्सा आज भी मंदिर के भंडार में मौजूद है। इस बाम का भार कम से 40 किलो के आसपास था, जो अलग ही देव धुन में बजता था। वर्तमान समय में प्राचीन परंपरा को निभाने के लिए इस बाम की जगह छोटा सा बाम साथ में रखा जाता है।
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