छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं को मिलेंगी विश्व स्तरीय सुविधाएं : मुकेश अग्निहोत्री

punjabkesari.in Thursday, Dec 22, 2022 - 04:45 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ छिन्नमस्तिका धाम चिंतपूर्णी में श्रद्धालुओं को विश्व स्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। मंदिर को रोपवे से जोड़ने, एस्केलेटर लगाने से लेकर यहां प्रसादम योजना को धरातल पर उतारने के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए जाएंगे। चिंतपूर्णी मंदिर अब ऐसा तीर्थस्थल बनेगा जहां श्रद्धालुओं को न तो दर्शनों के लिए धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ेगा और न ही यहां अव्यवस्थाएं होंगी। यह बात उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट तथा भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक उदाहरण बनकर सामने आएगा। अग्निहोत्री ने प्रदेश के मंदिरों की मौजूदा स्थिति, वहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नए प्रोजैक्ट लागू करने को लेकर अधिकारियों के साथ लम्बी चर्चा भी की। 

मंदिर ट्रस्ट की 14 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं को सुविधाएं देने का उनका सर्वोच्च एजैंडा रहेगा। यहां ऐसे प्रोजैक्ट शुरू किए जाएंगे जो एक उदाहरण होंगे। भरवाईं-चिंतपूर्णी सड़क को शानदार बनाया जाएगा। मंदिर में रोपवे कहां से कहां तक होगा तथा एस्केलेटर का निर्माण किन-किन स्थानों पर होगा यह तमाम प्रोजैक्टों पर कार्य शुरू होगा। मंदिर के सरकारीकरण के बाद यहां चढ़ावे में इजाफा हुआ है। चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट की 14 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है तथा इन परियोजनाओं पर 39 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। मंदिर में प्रतिवर्ष 50 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं। 

मंदिरों में संसाधनों की कमी नहीं
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी मंदिरों में उच्च स्तरीय सुविधाएं श्रद्धालुओं को दी जाएंगी। उन्होंने ऊना से पहले शिमला में भी इस संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा की थी। उनका सर्वोच्च एजैंडा इन तीर्थ स्थलों को बेहतर सुविधाओं से जोड़ना रहेगा। जिस प्रकार श्री वैष्णो देवी जी और तिरुपतिवाला जी में श्रद्धालुओं को सुविधाएं मिलती हैं, आधारभूत ढांचा विकसित है उसी प्रकार से हिमाचल के मंदिर भी उभरकर सामने आएंगे। मंदिरों में संसाधनों की कमी नहीं है। सरकार भी हर प्रकार से यहां मद्द करेगी। भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के जरिए मंदिरों का रखरखाव किया जाता है। मंदिर ट्रस्टों के साथ बैठकें की जाएंगी और पूरा खाका तैयार किया जाएगा। तय समय के भीतर यह काम किए जाएंगे। 

बैठक में ये रहे मौजूद
इस समीक्षा बैठक में भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के सचिव राकेश कंवर, चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट के आयुक्त एवं डीसी ऊना राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन, एडीसी अमित सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राघव शर्मा ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट में 11 सदस्य हैं तथा चिंतपूर्णी मंदिर की मासिक आय को 1.28 करोड़ रुपए है। 

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Content Writer

Vijay

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