Shimla: 18 वर्षों के बाद बद्रीनाथ व केदारनाथ की यात्रा पर निकले देवता शिरगुल महाराज
punjabkesari.in Tuesday, Apr 29, 2025 - 05:28 PM (IST)

शिमला (अम्बादत्त): शिमला की पुरानी रियासत घूंड के प्रमुख लोक देवता शिरगुल महाराज बद्रीनाथ और केदारनाथ की डेढ़ महीने की यात्रा पर निकले हैं। यह यात्रा 18 वर्ष बाद हो रही है। पदयात्रा में शामिल डाॅ. तुलसी रमण ने बताया कि शक्ति अर्जित करने के लिए देवता इस यात्रा के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि रास्ते में जहां पर भी तीर्थ पड़ते हैं वहां पर भी देवता जाते हैं। यह डेढ़ महीने की यात्रा है। इसमें 15 पदयात्री हैं और दो यात्री गाड़ी में जाते हैं जो खाना बनाते हैं। यह यात्रा 25 अप्रैल से शुरू हुई है तथा 2 दिन तक वहीं घाट में रही और उसके बाद चरैण में आई, उसके बाद भेखलटी में आई तथा आज रिज मैदान होते हुए संकटमोचन मंदिर के लिए निकली। वहां पर शिमला में रहने वाले घूंड के लोगों की ओर भंडारा बनाया जाता है और पदयात्रा के सभी लोगों के वहां रहने व खाने-पीने की पूरी व्यवस्था उन्हीं के द्वारा की जाती है।
संकटमोचन मंदिर से यह यात्रा बुधवार को चलेगी जो कंडाघाट में रुकेगी। उसके बाद धर्मपुर जाएगी, वहां से पिंजौर जाएगी तथा वहां पर प्राकृतिक बावड़ी में देवता का स्नान करेगी। उसके बाद हरिद्वार के लिए जाएगी। वहां से बद्रीनाथ और केदारनाथ की यात्रा पूरी करके उत्तराखंड से होते हुए तिउणी तथा हाटकोटी आएगी। उसके बाद यात्रा मंदिर पहुंचेगी। वहां पर मंदिर में बहुत बड़ा महायज्ञ होगा। मान्यता है कि शिरगुल महाराज शैव परम्परा के देवता हैं। इसलिए यह बद्रीनाथ व केदारनाथ के लिए जाते हैं। जब भी मंदिर में कोई बड़ा काम होता है या शांद होती है तो देवता बद्रीनाथ व केदारनाथ के लिए जाते हैं।हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
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