भारत ने हमेशा दिया विश्व शांति का संदेश : राजनाथ सिंह

punjabkesari.in Monday, Sep 26, 2022 - 11:00 PM (IST)

ज्वालामुखी (जोशी): भारत ने हमेशा विश्व शांति का संदेश दिया है। देश के स्वाभिमान को ललकारने वालों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह बात रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ज्वालामुखी के पास ब्यास नदी के तट पर आयोजित सैन्य बलिदानी परिवार सम्मान समारोह के दौरान पूर्व सैनिकों को सम्बोधित करते हुए बोलीे। उन्होंने कहा कि साहसी नेतृत्व होता तो आज पीओके विवाद ही न होता। रक्षा मंत्री ने कहा कि तब सही नेतृत्व की कमी के कारण ही आज पीओके विवाद है। उन्होंने कहा कि आज युद्धपोतों पर महिला की तैनाती की जा रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 8 साल में भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदला है। देश का नेतृत्व करने वाले कभी कबूतर छोड़ते थे, अब चीते छोड़ने का जमाना आ गया है।
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देश की रक्षा में हिमाचल का योगदान अनुकरणीय
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की शौर्य, समर्पण की संस्कृति है। देश की सेना धर्म व कर्म वाली है। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा में हिमाचल का योगदान अनुकरणीय है। हमें जीतने के लिए किसी शस्त्र की जरूरत नहीं है। शास्त्रों से भी जीत हासिल की जा सकती है। राजनाथ सिंह ने पूर्व सैनिकों को देश का गौरव और धरोहर बताते हुए कहा है कि सैनिकों के बलिदानों से ही पीढिय़ां जीवित रहती हैं। उन्होंने कहा कि पहले देश में आतंकी घटनाओं की खबरें आती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के नेतृत्व में अब बहादुर भारतीय सैनिक पुलवामा व उरी हमलों का जवाब पाकिस्तान की धरती में घुस कर सर्जिकल स्ट्राइक से दे रहे हैं वहीं गलवान घाटी में भी चीन की सेना को मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। 

हिमाचल के सैनिकों की रही हर युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका
रक्षा मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा, महावीर चक्र विजेता शेर सिंह थापा, कैप्टन विक्रम बतरा, संजय कुमार व अन्य बहादुर सैनिकों को जिक्र करते हुए कहा कि भारत के हर युद्घ में हिमाचल प्रदेश के सैनिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पहले सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास को प्राथमिकता नहीं दी जाती थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के नेतृत्व में सड़कों का जाल बिछाने के साथ-साथ मोबाइल नेटवर्क व अन्य सुविधाओं का भी विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले भारत रक्षा आयात के लिए जाना जाता था लेकिन अब भारत रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बन रहा है व वर्ष 2047 तक भारत ने रक्षा क्षेत्र में 2 लाख करोड़ के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया है और रक्षा क्षेत्र की 311 चीजों का चिंहित किया गया है जिनका निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी होगा। 

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Content Writer

Vijay

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