भांग की खेती को लेकर पॉलिसी बनाने के लिए सरकार गंभीर : सुंदर सिंह

punjabkesari.in Tuesday, Jan 31, 2023 - 10:54 PM (IST)

शिमला (भूपिन्द्र): हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लेकर पॉलिसी बनाने को लेकर सरकार गंभीर है। यह पॉलिसी मेडिकल व औद्योगिक प्रयोग के लिए लाई जानी चाहिए क्योंकि इससे कैंसर, अल्जाइमर आदि कई बीमारियों के लिए दर्द निवारक दवाइयां बनाई जाती हैं। इजराइल ने तो यह साबित कर दिया है कि उन्होंने कोरोना की दवाई में इसी का प्रयोग किया है। यह बात सीपीएस वन, ऊर्जा, पयर्टन व परिवहन सुंदर सिंह ठाकुर ने मंगलवार को शिमला में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड, यूपी सहित जम्मू-कश्मीर सहित अन्य कई राज्यों में भांग की खेती होती है तो फिर हिमाचल क्या पॉलिसी को लेकर गंभीर नहीं है। 

मेडिकल व औद्योगिक प्रयोग के लिए बनानी होगी पॉलिसी 
सुंदर सिंह ने कहा कि हमें नशे के लिए नहीं बल्कि मेडिकल व औद्योगिक प्रयोग के लिए पॉलिसी बनानी होगी। उन्होंने कहा कि विदेशों से भांग से बनी दवाइयों का आयात हो रहा है तो फिर इसे हिमाचल में ही क्यों नहीं बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अपने पहले बजट में सभी योजनाएं पूरे बजट प्रावधान के साथ लाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने भारी संख्या में योजनाओं की घोषणाएं कीं लेकिन बजट नहीं होने के कारण वह मात्र नारे बन कर रह गईं। उन्होंने कहा कि हिमाचल ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहा है। इसलिए हिमाचल को केंद्र से सहायता मिलनी चाहिए। 

नैशनल हाईवे लोजिस्टिक मैनेजमैंट लिमिटेड के साथ मिलकर रोपवे को करेंगे चिन्हित
पहाड़ी प्रदेश में रोपवे यातायात का अच्छा साधन है। इससे पर्यावरण संरक्षण होगा तथा पहाड़ों की खुदाई भी नहीं करनी पड़ेगी। विदेशों में यातायात का साधन रोपवे भी हैं, जहां पर रोपवे की ट्रोलियों में वाहन भी जाते हैं। इसलिए हमे रोपवे की ओर जाना होगा। इससे पहाड़ों पर सड़क निर्माण के लिए खुदाई नहीं करनी पड़ेगी। इसे देखते हुए हिमाचल में रोपवे कॉर्पाेरेशन तथा नैशनल हाईवे लोजिस्टिक मैनेजमैंट लिमिटेड कंपनी के सहयोग से रोपवे की साइटों को चिन्हित किया जा रहा है तथा आगामी चार माह में दर्जन भर रोपवे में हिमाचल काम करेगा। साथ ही बिजली महादेव रोपवे के टैंडर 31 मार्च तक खुल जाएंगे।

पूर्व सरकार ने किए बड़े दावे, धरातल पर कुछ भी नहीं 
सुंदर सिंह ने आरोप लगाया कि पूर्व सरकार ने शिमला में पानी को 24 घंटे देने के बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि पानी के दाम बढ़ाने को लेकर उनके पास कोई भी पयर्टन कारोबारी नहीं आया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर में पानी की कमी नहीं है। 

व्यवहार में भी नजर आना चाहिए
सीपीएस ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं लेकिन यह व्यवहार में भी नजर आना चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि बुधवार को पेश होने वाले बजट में यह नजर आएगा तथा मोदी सरकार के इस कार्यकाल के अंतिम बजट में हिमाचल में कनैक्टीविटी को सुदृढ़ करने व अन्य विकास के लिए कुछ राहत देंगे।

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Content Writer

Vijay

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