देश का किसान पीछे नहीं हटेगा, सरकार को झुकने के लिए कर देगा मजबूर

punjabkesari.in Sunday, Feb 14, 2021 - 10:23 PM (IST)

शिमला (योगराज/राक्टा): हिमाचल किसान सभा ने देशव्यापी किसान आंदोलन तथा कृषि कानून पर रविवार को राज्य स्तरीय अधिवेशन का आयोजन किया। शिमला में हुए उक्त अधिवेशन में प्रदेश के 10 जिलों से किसान सभा के 75 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया। इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सह सचिव डा. विज्जू कृष्णन ने कहा कि 80 दिनों से दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन में 223 किसानों की शहादत होने के बावजूद केंद्र सरकार किसानों के प्रति अडिग रवैया अपनाए हुए है। डॉ. विज्जू ने कहा कि सरकार किसान आंदोलन में केवल नकारात्मक तथ्यों को ही ढूंढ रही है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह देशव्यापी आंदोलन केंद्र सरकार पर भारी पड़ेगा।
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1 से 7 मार्च तक खंड इकाई स्तर पर होंगे अधिवेशन

किसान सभा के राज्य सचिव डॉ. ओंकार शाद ने कहा कि प्रदेश में किसान आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर दी गई है। इसके तहत फरवरी माह में जिला स्तर पर बैठकें जारी रहेंगी। इसके साथ ही 1 से 7 मार्च तक खंड इकाई स्तर पर किसानों के अधिवेशन आयोजित होंगे तथा 15 मार्च को प्रदेश में जिला, खंड व तहसील स्तर पर व्यापक आंदोलन किया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में भी भागीदारी बढ़ाई जाएगी। इस अधिवेशन को प्रोफैसर राजेंद्र चौहान, सत्यवान पुंडीर, विश्वनाथ शर्मा, रमेश वर्मा, होतम सोंखला, कुशाल भारद्वाज, अशोक वर्मा, केपी नेगी, सतपाल, जोगिंद्र शर्मा व देवकीनंद सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। हिमाचल किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर ने कहा कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में सिरमौर, शिमला, ऊना, सोलन व बिलासपुर आदि जिलों से अभी तक 1 हजार से अधिक किसानों द्वारा हिस्सेदारी निभाई गई है। 

सेब बागवानों को लगा करोड़ों का चूना, सरकार गवाह : सिंघा

किसान सभा के पूर्व प्रदेश सचिव एवं विधायक राकेश सिंघा ने कहा कि सरकार का यह किसान विरोधी चरित्र 90 के दशक से शुरू हुई नवउदारवादी नीतियों का परिणाम है। कृषि के लिए 2004 में स्वामीनाथन आयोग गठित होने और 2006 में आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें पेश करने के बावजूद आज तक किसानों को उसका लाभ नहीं मिला। सिंघा ने कहा कि हिमाचल में तो इस कानून के आने से पहले ही एपीएमसी को कमजोर करने की सरकार की साजिश के चलते सेब बागवानों को करोड़ों का चूना लगाया जा चुका है और प्रदेश सरकार इसकी गवाह है।


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Content Writer

Vijay

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