सीएम सुक्खू ने केंद्र से आपदा प्रभावित हिमाचल के लिए मांगा विशेष राहत पैकेज
punjabkesari.in Tuesday, Sep 26, 2023 - 08:42 PM (IST)

शिमला (कुलदीप): मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से प्राकृतिक आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज प्रदान करने एवं आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंडों में व्यावहारिक संशोधन की मांग की है। उन्होंने केंद्र सरकार से पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाए जाने की मांग भी की है। इसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, मोहाल ठेका धार पधरी में जिला चम्बा और जम्मू-कश्मीर तथा सरचू में हिमाचल व लद्दाख के मध्य सीमा विवाद शामिल है। उन्होंने यह मांग केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में अमृतसर में हुई उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक को संबोधित करते हुए की।
भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान
सीएम ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुक्सान हुआ है, जिसमें 441 से अधिक लोगों की जान गई है। इसके अलावा 13000 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावितों के लिए आपदा राहत कोष-2023 स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंड हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर राज्य को अधिक सहायता राशि की आवश्यकता है। उन्होंने इन मानदंडों में व्यावहारिक संशोधन की मांग भी की। उन्होंने आपदा राहत कोष में सहायता के लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने हिमाचल में स्थापित 100 मैगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को मार्च, 2024 में लीज की अवधि समाप्त होने पर हिमाचल को सौंपने में पंजाब सरकार से सहयोग मांगा।
बीबीएमबी से बकाया 4000 करोड़ दिलवाने की मांग
सीएम ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 फीसदी हिस्सेदारी के दृष्टिगत प्रदेश को बीबीएमबी निदेशक मंडल में पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्रदान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के लिए 12 फीसदी नि:शुल्क ऊर्जा रॉयल्टी प्रदान करने तथा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, राष्ट्रीय ताप ऊर्जा निगम और सतलुज जल विद्युत निगम जैसे केंद्रीय उपक्रमों की जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की वर्तमान 12 फीसदी रॉयल्टी को बढ़ाकर 30 फीसदी करने का आग्रह किया। उन्होंने हिमाचल को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपए अविलंब दिलवाने का भी आग्रह किया।
बांधों में चेतावनी प्रणाली उपयोग पर दिया बल
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित विभिन्न बांध प्रबंधनों की तरफ से पानी छोड़ने से पहले उचित पूर्व चेतावनी प्रणाली का उपयोग करने और जलप्लावन मान चित्रण करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हाल ही में आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोडऩे से व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर हिमाचल सरकार ने ठोस कार्य किया है। नशा रोकथाम अभियान, पर्यटन विकास, पर्यावरण संरक्षण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं।
ये रहे बैठक में मौजूद
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्र शासित चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्र शासित लद्दाख के उप-राज्यपाल बीडी मिश्रा सहित अन्य सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे।
हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here