Himachal: सीएम सुक्खू ने 20 ई-टैक्सियों को दिखाई हरी झंडी, युवाओं को मिला स्वरोजगार का नया जरिया

punjabkesari.in Saturday, Jul 05, 2025 - 05:53 PM (IST)

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शनिवार को पर्यावरण संरक्षण और युवाओं के लिए स्वरोजगार सृजन की दिशा में एक अहम कदम उठाया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सचिवालय परिसर से ‘राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना’ के अंतर्गत चयनित 20 ई-टैक्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने योजना के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह पहल हिमाचल को हरित राज्य बनाने के संकल्प की दिशा में मील का पत्थर है।

अब तक 59 लाभार्थियों को मिली 4.22 करोड़ की वित्तीय सहायता
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रदेश सरकार पात्र युवाओं को ई-टैक्सियों की खरीद पर कुल लागत का 50 प्रतिशत तक सबसिडी प्रदान कर रही है। अब तक 59 लाभार्थियों को कुल 4.22 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जा चुकी है, जबकि 61 अन्य लाभार्थियों को शीघ्र ही सबसिडी जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि योजना के माध्यम से न केवल युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें सरकारी कार्यालयों से जोड़कर पांच वर्षों तक स्थायी आय का भी भरोसा दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजना में दो वर्षों तक के विस्तार का प्रावधान रखा गया है ताकि युवा अधिक समय तक इस लाभ का उपयोग कर सकें।

हरित विकास और ई-मोबिलिटी को मिल रहा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन का प्रभाव हमारे जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है, ऐसे में प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को केंद्र में रखकर सभी नीतियां बना रही है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार ई-वाहनों और ग्रीन हाईड्रोजन जैसे स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देकर भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रख रही है। यह योजना न केवल आर्थिक रूप से युवाओं को सशक्त बना रही है, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी कारगर साबित हो रही है। इससे राज्य सरकार पर पड़ने वाला वित्तीय दबाव भी आने वाले समय में घटेगा।

युवाओं को विदेशों में भी मिल रहे रोजगार के अवसर 
मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि सरकार न केवल राज्य में रोजगार के अवसर सृजित कर रही है, बल्कि युवाओं को विदेशों में बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य इलैक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एचपीएसईडीसी) को केंद्र सरकार से आधिकारिक तौर पर भर्ती एजैंसी का लाइसैंस प्राप्त हो गया है। अब निगम विदेशी महावाणिज्य दूतावासों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर सकता है, जिसके माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा और उनके कौशल को वैश्विक स्तर के अनुरूप संवारा जाएगा। इस कदम से सुनिश्चित किया जाएगा कि विदेशों में काम के इच्छुक युवाओं का किसी भी प्रकार से शोषण न हो।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार
मुख्यमंत्री ने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सरकार द्वारा किए गए सुधारों पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश अब गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा में देशभर में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। वर्ष 2022 में प्रदेश इस सूचकांक में 21वें स्थान पर था। स्वास्थ्य सेवाओं की बात करते हुए उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की तर्ज पर उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं से सुसज्जित किया जा रहा है। इससे न केवल प्रदेश के मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी, बल्कि राज्य का स्वास्थ्य ढांचा भी राष्ट्रीय मानकों के समकक्ष पहुंच सकेगा।

ये रहे माैके पर माैजूद
इस अवसर पर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री एवं अधिकारी भी मौजूद रहे। समारोह में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, शिमला (ग्रामीण) विधायक हरीश जनारथा, अर्की विधायक संजय अवस्थी, मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान, एपीएमसी अध्यक्ष देवानंद वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) गोपाल शर्मा, अतिरिक्त मुख्य सचिव आरडी नजीम, सचिव प्रियंका बसु, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क राजीव कुमार, श्रम आयुक्त डॉ. वीरेंद्र शर्मा सहित कई अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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Content Writer

Vijay

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