CM सुखविंदर सुक्खू ने स्वतंत्रता दिवस पर हिमाचल वासियों को दी बड़ी सौगातें, की यह घोषणाएं...
punjabkesari.in Friday, Aug 15, 2025 - 12:58 PM (IST)

हिमाचल डेस्क। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकाघाट में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे है। मूसलाधार बारिश के बावजूद लोगों का जोश बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने तिरंगा फहराया, परेड का निरीक्षण किया और सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने राज्य के विकास और कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं।
आपदा राहत और विकास को प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के पीड़ितों के लिए 100 करोड़ रुपये की एक और किश्त जारी करने की घोषणा की। इस राशि का ज्यादा हिस्सा मंडी जिले के प्रभावितों को राहत पहुंचाने में इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा से प्रभावित हर व्यक्ति के साथ खड़ी है और हर संभव मदद कर रही है।
इसके अलावा, उन्होंने 200 सीबीएसई पाठ्यक्रम वाले स्कूल खोलने का ऐलान किया, जिससे प्रदेश के छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी।
अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी, नेरचौक को सरकाघाट शिफ्ट करने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे इस क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।
रोजगार के अवसर और भर्ती में पारदर्शिता
युवाओं को रोजगार के अवसर देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने 2000 ई-थ्री व्हीलर परमिट जारी करने की घोषणा की। इसके अलावा, विभिन्न सरकारी विभागों में बंपर भर्तियां की जाएंगी। इनमें पटवारियों के 600 पद, जेबीटी के 600 पद, पंचायत सेक्रेटरी के 300 और डॉक्टरों के 200 पद शामिल हैं।
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग में बड़ा सुधार किया गया है। अब फाइनल मेरिट में सिर्फ इंटरव्यू के नंबर नहीं, बल्कि लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों के नंबर जोड़े जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे मेहनती और योग्य उम्मीदवारों को ही नौकरी मिलेगी।
नशे के खिलाफ कड़ा रुख
राज्य से नशे को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार ने एक व्यापक रणनीति तैयार की है। इसके तहत, हर गांव और पंचायत में 'नशा निवारण समितियां' बनाई जाएंगी। इन समितियों में पंचायत सचिव, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक पुलिस हेड कांस्टेबल शामिल होंगे।
एसएचओ और एसपी नियमित रूप से पंचायत स्तर पर नशे से जुड़ी जानकारी एकत्र करेंगे और पुलिस मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेंगे। हर महीने बैठकें होंगी, जिनमें नशा मामलों पर हुई कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।
इसके साथ ही, 'चिट्टा विरोधी स्वयंसेवक योजना' भी लागू की जाएगी। इसमें पुलिस और जनता के बीच कड़ी बनाने के लिए स्वयंसेवक तैयार किए जाएंगे, जो नशा रोकथाम और जागरूकता में मदद करेंगे। इन स्वयंसेवकों को प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
एक और महत्वपूर्ण कदम के रूप में, नशा मुक्ति रोकथाम एवं पुनर्वास बोर्ड का गठन किया जाएगा। इसमें गृह, स्वास्थ्य, शिक्षा और पुलिस जैसे कई विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। इसका उद्देश्य नशे के शिकार युवाओं का पुनर्वास करना होगा।
परीक्षा में नकल रोकने के लिए कड़े कानून
परीक्षाओं में होने वाली धांधली को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि परीक्षा में नकल करने वाले और नकल कराने वालों को 3 साल तक की कैद की सजा होगी। इसके लिए जल्द ही विधानसभा में एक बिल लाया जाएगा। यह कदम परीक्षाओं की शुचिता और ईमानदारी बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
शिक्षक कल्याण और स्थानीय विकास
शिक्षकों के कल्याण के लिए भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई। अब सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों के अध्यापकों को शैक्षणिक सत्र के बीच में रिटायर नहीं किया जाएगा। इससे शिक्षण कार्य में कोई बाधा नहीं आएगी और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी।
सरकाघाट के स्थानीय विकास के लिए भी कई घोषणाएं की गईं। सरकाघाट अस्पताल को 100 से 150 बिस्तर का किया जाएगा। इसके अलावा, सरकाघाट में पार्किंग के लिए जमीन और एक नया बस स्टैंड बनाया जाएगा।
इन सभी घोषणाओं से यह स्पष्ट है कि सरकार हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास, युवाओं के भविष्य, और समाज को नशामुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.