कांग्रेस की 6 सदस्यीय कमेटी करेगी जयराम सरकार के खिलाफ चार्जशीट तैयार
punjabkesari.in Monday, Nov 26, 2018 - 09:29 AM (IST)

शिमला (राक्टा): जयराम सरकार के एक साल के कार्यकाल पर चार्जशीट तैयार करने के लिए कांग्रेस ने 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। चार्जशीट कमेटी का गठन विधायक एवं पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया है। इसके साथ ही विधायक हर्षवर्धन चौहान को समिति का को-चेयरमैन बनाया गया है जबकि विधायक एवं पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी को समिति का संयोजक बनाया गया है। इसी तरह सदस्यों में विधायक नंद लाल, पूर्व स्पीकर गंगू राम मुसाफिर व विचार विभाग के समन्वयक विजय कुमार शामिल हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह द्वारा गठित चार्जशीट कमेटी को पार्टी की राज्य प्रभारी रजनी पाटिल ने भी मंजूरी दे दी है।
भाजपा सरकार जनता को सुशासन प्रदान करने में बुरी तरह विफल रही
इस संबंध में पार्टी की प्रदेश प्रभारी ने एक पत्र पार्टी अध्यक्ष सुक्खू को प्रेषित किया है। पार्टी अध्यक्ष को भेजे पत्र में रजनी पाटिल ने कहा है कि हिमाचल में भाजपा सरकार को बने एक वर्ष भी पूरा नहीं हुआ जबकि राज्य की जनता जयराम सरकार के कुशासन से परेशान है। पाटिल ने कहा कि ऐसे में विपक्ष के नाते कांग्रेस का दायित्व बनता है कि सरकार के घोटालों, काले कारनामों व अनियमितताओं को जनता के सामने लाएं। कहा गया है कि भाजपा सरकार जनता को सुशासन प्रदान करने में बुरी तरह विफल रही है। चार्जशीट कमेटी के गठन को लेकर प्रदेश प्रभारी पाटिल द्वारा भेजे गए पत्र की प्रति नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को भी भेजी गई है।
भाजपा सरकार 27 दिसम्बर को मनाएगी एक साल का जश्र
राज्य की भाजपा सरकार 27 दिसम्बर को एक साल का जश्र मनाएगी तो कांग्रेस उसी दिन सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करेगी। ऐसे में आगामी दिनों में यहां पक्ष-विपक्ष के बीच राजनीति गरमाने के पूरे आसार हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि चार्जशीट में भाजपा के बड़े चेहरे बेनकाब होंगे। इसमें नशे के कारोबार में संलिप्त नेताओं व अधिकारियों के नामों का भी खुलासा करेंगे। सरकार की विफलताओं पर भी प्रकाश डाला जाएगा।
बाली-कौल ने नहीं दिखाई दिलचस्पी
कांग्रेस की चार्जशीट कमेटी गठित करने के लिए खासी माथापच्ची करनी पड़ी है। सूत्रों के अनुसार पहले पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर या जी.एस. बाली में से किसी एक नेता को कमेटी की कमान सौंपी जाने की तैयारियां थीं लेकिन दोनों नेताओं ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके साथ ही अन्य वरिष्ठ सक्रिय नेताओं ने भी इस मसले से दूरी बनाई रखी।