कैबिनेट बैठक : मंडी, सोलन व पालमपुर को नगर निगम का दर्जा

punjabkesari.in Tuesday, Oct 27, 2020 - 05:02 PM (IST)

शिमला : गतिरोध के बावजूद सरकार ने मंडी, सोलन व पालमपुर को नगर निगम का दर्जा देने का फैसला ले लिया है। मंत्रिमंडल की बैठक में ये निर्णय हुआ है। हालांकि मंडी व सोलन में नगर परिषद का दर्जा बढ़ाए जाने को लेकर विरोध भी हो रहा था। इसकी वजह ये थी कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्र इसमें शामिल नहीं होना चाह रहे थे। राज्य में तीन नए नगर निगम बनने से इनकी संख्या पांच हो गई है। इससे पहले शिमला व धर्मशाला में ही नगर निगम हैं। 

हालांकि सरकार का मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णयों को लेकर आधिकारिक प्रेस बयान आना बाकी है, लेकिन बैठक के तुरंत बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने मंडी, सोलन व पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दिए जाने की बात कही है। बता दें कि कुछ सप्ताह बाद राज्य में शहरी व पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव भी होने हैं। चूंकि शहरी निकायों के चुनाव को परोक्ष तौर पर करवाने को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है, लिहाजा यह माना जा रहा है कि पिछली प्रणाली के तहत ही चुनाव होंगे। इसमें पार्षद द्वारा ही अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। इसके साथ ही बैठक में हिमाचल प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के 1334 पदों को भरे जाने का भी निर्णय लिया गया है। इसमें 976 पुरुष कांस्टेबल होंगे, जबकि महिला आरक्षियों की संख्या 267 होगी। इसमें सीधी भर्ती के माध्यम से चालकों के 91 पद भी शामिल हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में यह अहम फैसला भी लिया गया है। इसके अलावा अग्निशमन विभाग में भी लीडिंग फायरमैन के 32 पदों को भरने की मंजूरी दी गई है। 

ड्राइवर व पंप ऑपरेटर्स के 11 पदों को भरने को भी स्वीकृति दी गई है। यह पद कांगड़ा के संसारपुर टैरेस, किन्नौर के भाबानगर व कुल्लू के पतलीकूहल में भरे जाएंगे। यहां नई फायर पोस्ट खोली गई हैं। अधीनस्थ न्यायालयों में नियमित आधार पर 22 पदों को भी भरने का फैसला लिया है। इसके साथ ही खाद्य आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 9 पद भरे जाएंगे।मंत्रिमंडल ने इन शहरी स्थानीय निकायों के नए शामिल क्षेत्रों में भूमि और भवनों को तीन साल की अवधि के लिए सामान्य कर के भुगतान से छूट देने का निर्णय लिया। वहीं कैबिनेट ने 1 अप्रैल 2020 से शिक्षा विभाग में आउटसोर्स आधार पर लगे आईटी शिक्षकों के मानदेय को 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया। इससे 1345 आईटी शिक्षकों को फायदा होगा। मंत्रिमंडल शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए प्राथमिक और उच्च शिक्षा विभाग में तैनात  एसएमसी शिक्षकों की सेवाओं में विस्तार प्रदान करने के लिए अपनी मंजूरी दे दी। उन्हें शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए अंतिम सत्र का पारिश्रमिक भी वितरित किया जा सकता है जोकि उच्चतम न्यायालय में लंबित याचिका के अंतिम निपटारे पर निर्भर करेगा। मंत्रिमंडल ने इस वर्ष 8 नवंबर से सरकार के जनमंच कार्यक्रम को बहाल करने का निर्णय लिया, ताकि घरों के निकट जनता की शिकायतों का त्वरित निवारण हो सके। 

मंत्रिमंडल ने राज्य खाद्य आयोग में विभिन्न श्रेणियों के 9 पदों को भरने के लिए अपनी अनुमति दी। कांगड़ा जिले के सरकारी कॉलेज टकीपुर का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी राजकीय कॉलेज किया। कैबिनेट ने कांगड़ा जिले में स्वास्थ्य उप केंद्र टयोडा को स्तरोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करने और विभिन्न श्रेणियों के तीन पदों को भरने के लिए मंजूरी दी। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला में सहायक प्रोफेसर का एक पद को सृजित करने और भरने के लिए अपनी सहमति भी दी। हिमाचल के डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले प्रथम और द्वितीय वर्ष के करीब 60 हजार विद्यार्थियों को सरकार ने बिना परीक्षाएं लिए ही अगली कक्षाओं में प्रमोट करने का फैसला लिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। प्रमोट किए जाने वाले विद्यार्थियों की बीते साल की परीक्षा के 50 फीसदी अंकों, वर्तमान सत्र की आतंरिक परीक्षा के 30 फीसदी और शिक्षकों की असेसमेंट के 20 फीसदी अंकों के आधार पर कुल अंक दिए जाएंगे। अगर कोई विद्यार्थी इन अंकों से नाखुश रहता है तो वो अगले साल पुरानी कक्षा की परीक्षाएं देकर अपने अंकों में सुधार ला सकता है। 

प्रदेश में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की अब नियमित कक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया है। दो नवंबर से प्रदेश के स्कूलों में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लगेंगी। कॉलेजों में भी दो नवंबर से शैक्षणिक सत्र शुरू होगा। प्रथम, द्वितीय और अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की नियमित कक्षाएं लग जाएंगी। यूजीसी के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार अभिभावकों के सहमति पत्र पर ही विद्यार्थियों को स्कूल-कॉलेजों में प्रवेश देने की शर्त अभी बरकरार रखी है। इसके अलावा केंद्र सरकार की एसओपी का पालन करते हुए विद्यार्थियों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी बनाए रखने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही प्रवेश देने का फैसला लिया गया है।
 


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prashant sharma

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