यहां रावण का पुतला जलते ही टूट पड़ती है लोगों की भीड़, जानिए क्या है मान्यता

punjabkesari.in Tuesday, Oct 08, 2019 - 10:25 PM (IST)

पालमपुर (भृगु): रावण को भले ही बुराइयों का प्रतीक माना जाता है परंतु सच्चाई यह भी है कि जलाने के पश्चात रावण के अवशेष बुराइयों को दूर रखने का माध्यम भी बनते हैं। सदियों से यह विश्वास चला आ रहा है और यही कारण है कि जैसे ही रावण, कुंभकर्ण तथा मेघनाद के पुतले जलाए जाते हैं तो रावण के पुतले के जलते ही उसके अवशेष को एकत्रित करने के लिए लोगों की भीड़ टूट पड़ती है। मान्यता है कि घर में इन अवशेषों को रखने से बुराइयां दूर रहती हैं तो चोर भी घर में नहीं घुसते। मान्यता यह भी है कि इन अवशेषों को घरों या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रखने से जादू-टोने का असर भी नहीं होता। भले ही इन मान्यताओं में कितनी सच्चाई है इसका कोई तर्कशील उत्तर किसी के पास नहीं है परंतु आज भी यह सत्य है कि लोग इन अवशेषों को घर ले जाते हैं।
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क्या कहते हैं लोग

पंडित प्रवीन कुमार बताते हैं कि सदियों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि रावण के अवशेषों को घर या व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में रखने से बुराइयां दूर रहती हैं तथा किसी प्रकार की हानि नहीं होती परंतु उनका यह भी मानना है कि यदि मन में सच्चाई नहीं है तो इस प्रकार मान्यताओं का कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता। वहीं इन अवशेषों को घर ले जा रहे अनिल सूद ने कहा कि वे वर्षों से इन अवशेषों को घर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस बात पर विश्वास होता है वह असर भी करती है।
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पूर्वजों की भांति कर रहे परंपराओं का निर्वहन

उधर, रंजय शर्मा बताते हैं कि वह भी पूर्वजों की भांति परंपराओं का निर्वहन कर रहे हैं। विजयदशमी के अवसर पर रावण का दहन बुराई की समाप्ति के लिए किया जाता है परंतु बुराई के प्रतीक रावण के अवशेष बुराइयों को घर से दूर रखते हैं यह मान्यता भी बरकरार है।


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