Mandi: देवभूमि में एक साथ दिखेंगी 5 महाशक्तियां, आपदा से बचाव का बांधेगी सूत्र
punjabkesari.in Friday, Sep 19, 2025 - 06:20 PM (IST)

बालीचौकी (फरेंद्र): देवभूमि हिमाचल प्रदेश में आपदा को रोकने और आगामी अनहोनी से बचाव के लिए एक साथ 5 महाशक्तियां देव मिलन कर अपना सूत्र बांधेंगी। कुल्लू-मंडी के अधिष्ठाता देव मार्कंडेय ऋषि मंगलौर लगभग 30 वर्षों के बाद बंजार की देउठा घाटी छदारा में घाटी के ईश्वर महादेव, बुंगड़ू महादेव, देव लक्ष्मी नारायण चेडा और देव हंसपुरी नारायण के साथ देव मिलन करेंगे, जिसके साक्षी हजारों लोग बनेंगे। हालांकि इस बार ईश्वर महादेव का देव रथ निजी कारणों के चलते देव सभा में शामिल नहीं होगा, जिसके बदले उनका मोहरा आएगा।
इस दौरान सभी देवता एक साथ मंथन कर प्रदेश में आपदा के कहर पर विराम लगाकर सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद देंगे। तत्पश्चात देवता देव वाणी कर देउठा शयरी में भाग लेंगे, जो 2 दिन चलेगी। इसमें वाद्ययंत्रों की धुन पर पारंपरिक वेशभूषा में नाटी का दौर भी चलता रहेगा। शनिवार को देव मार्कंडेय ऋषि मंगलोर अपने 250 से 300 हारियानों के साथ छदारा के लिए रवाना होंगे, जबकि 22 अगस्त को देवता अपने देवालय वापस लौटेंगे।
आपात स्थिति में आपदा को रोकने के लिए होता है देव मार्कंडेय ऋषि का दौरा
आपातकालीन स्थिति में ही देव मार्कंडेय ऋषि का दौरा निकलता है, जो इस बार 30 वर्ष बाद होगा। इस ऐतिहासिक दौरे को देवता द्वारा खुद निकाला जाता है, जिसके बाद कार-करिंदें उसका पालन कर उसे अंजाम देते हैं। बता दें कि देउठा का छदारा शक्तिपीठ सभी देवताओं की शक्ति का गढ़ है, जहां पर सभी देवी-देवता एक साथ इकट्ठा होते हैं। मान्यता के अनुसार इसी स्थान पर देवता आपदा से बचाव का सूत्र बांधते हैं।
28 सितम्बर को रतवा में 4 देवताओं का होगा ऐतिहासिक देव मिलन
बालीचौकी के दाडी से सटे रतवा में 28 सितम्बर को बंजार की पलदी घाटी के अधिष्ठाता देव छमांहू, लक्ष्मी नारायण अवतार देव पझारी बाहू, देव मार्कंडेय ऋषि मंगलौर और देव खरीडू जौरी का मिलन होगा, जो एक निजी कार्यक्रम में होगा, वहीं 14 वर्ष बाद सिधवां के देव वीर घटोत्कच्छ 9 शयरी मनहोन में शिरकत करेंगे। इस दौरान देवता का मिलन देव कांडे नाग के साथ होगा।
कारदार देव मार्कंडेय ऋषि मंगलौर जीवन शर्मा का कहना है कि देव मार्कण्डेय ऋषि मंगलौर लगभग 30 वर्ष बाद छदारा के लिए आज रवाना होंगे। आपातकालीन स्थिति में देवता का ऐतिहासिक दौरा निकलता है, जिसमें वे 4 अन्य देवताओं से मिलन कर अपना सूत्र बांधेंगे।