Mandi: पहली बार बड़ा देव छमाहूं की धरती पर पधारे चुंजवाला महादेव, 3 महाशक्तियों के एक साथ हुए दर्शन
punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 07:39 PM (IST)
बालीचौकी (फरेंद्र): इतिहास में पहली बार मंडी जिले की सराज घाटी के अधिष्ठाता देव चुंजवाला महादेव, कुल्लू जिले के अधिष्ठाता बड़ा देव छमाहूं की पावन धरती धाराखरी में पधारे हैं। यह ऐतिहासिक क्षण देव संस्कृति के लिए एक मील का पत्थर बन गया, जब दो जिलों के प्रमुख देवताओं का मिलन हुआ। यह यात्रा न केवल क्षेत्र के हारियानों (श्रद्धालुओं) के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव है, बल्कि यह स्थानीय लोक परम्परा और संस्कृति का एक जीवंत संगम भी बन गई है।
बुधवार को देव चुंजवाला महादेव सराज घाटी की मुहाथ हार से सात हारों के लगभग 600 श्रद्धालुओं (लाव-लश्कर) के साथ धाराखरी के दली गांव पहुंचे। यहां उनका अखरोट और फूलों की वर्षा के साथ भव्य और पारंपरिक स्वागत किया गया। माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया।
इस यात्रा का मुख्य आकर्षण तीन महाशक्तियों का एक साथ दर्शन था। धाराखरी की धरती पर सर्वप्रथम देव चुंजवाला महादेव ने स्थानीय देवता बड़ा देव छमाहूं और माता तोतला के साथ 'देव मिलन' किया। इस अद्भुत नजारे के साक्षी सैंकड़ों लोग बने और देवताओं ने सभी को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद दिया।
देव चुंजवाला के नेहरा हार के खुंडा प्रभारी श्री राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह पहला मौका है जब देवता, देव बड़ा छमांहू की पावन धरती पर आए हैं। दोनों देवताओं के हारियानों को इस शुभ घड़ी का वर्षों से इंतजार था। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यद्यपि दोनों देवताओं का मिलन पहले अन्य स्थानों पर हो चुका है, लेकिन देव बड़ा छमाहूं के अपने क्षेत्र में यह पहला मिलन है, जो इसे ऐतिहासिक बनाता है।
वहीं, देव बड़ा छमांहू के पालसरा श्री दीपक ने कहा कि इस मिलन से पूरे देव समाज में खुशी और उत्साह का माहौल है। यह दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और भी मजबूत करेगा। देवता गुरुवार को दली गांव में ही प्रवास करेंगे और शुक्रवार को अपने मूल देवालय के लिए प्रस्थान करेंगे। यह यात्रा क्षेत्र की समृद्ध लोक परम्पराओं, आपसी भाईचारे और गहरी आस्था का जीवंत प्रतीक है।

