धोखाधड़ी मामले में भाजपा नेता गिरफ्तार, पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Saturday, Jul 22, 2017 - 06:48 PM (IST)

परवाणु: औद्योगिक शहर परवाणु के भाजपा नेता प्रकाश वर्मा को परवाणु पुलिस ने शहर के एक व्यवसायी भूपेंद्र शर्मा के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में शुक्रवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी को परवाणु पुलिस शनिवार दोपहर बाद कसौली कोर्ट में पेश करेगी। इस मामले में परवाणु व्यवसायी भूपेंद्र शर्मा ने कसौली कोर्ट में अर्जी दी थी और न्याय करने की गुहार लगाई थी जिसके बाद कसौली कोर्ट के आदेशानुसार परवाणु को मामले में मुकद्दमा दर्ज कर छानबीन शुरू करने के आदेश दिए थे। 

एग्रीमैंट के तहत दी थी दुकान
बता दें कि शहर के एक व्यवसायी ने कसौली कोर्ट में भाजपा नेता के खिलाफ अर्जी दी थी कि वर्ष 1992 में उसकेपिता ने शहर के सैक्टर-2 में एच.आर.टी.सी. डीजल पंप के साथ अपनी दुकान उद्योग के लिए एग्रीमैंट के तहत दी थी और यह एग्रीमैंट वर्ष 1992-95 तक के लिए था, जिसमें इसी वर्ष बिजली बोर्ड से एग्रीमैंट लगा कर बिजली का मीटर लगाया था। एग्रीमैंट के खत्म होते ही व्यवसायी के पिता द्वारा दुकान खाली करने को कहा गया लेकिन इस दौरान ही उसके पिता का किसी दुर्घटना में देहांत हो गया। इसके बाद भाजपा नेता अपने आप ही साथ लगते दूसरी नई बड़ी दुकान में शिफ्ट हो गया। इस दौरान जब व्यवसायी ने विरोध किया तो उसने कहा कि इस बारे उसकेपिता से बात हुई है और बड़ी दुकान में जबरदस्ती कब्जा कर लिया। 

वर्ष 1996 में हो चुका था पिता का देहांत
इसके बाद उसने इस दुकान की परमानैंट रजिस्टे्रशन सर्टीफिकेट (पी.एम.टी.) के लिए उद्योग विभाग में अप्रैल, 1997 में आवेदन किया, जिसमें उसने व्यवसायी के पिता के साथ किए गए एग्रीमैंट की तारीख मार्च 1997-2002 कर दी जबकि व्यवसायी के पिता का देहांत 20 जनवरी,1996 को हो चुका था और फिर उनकी मृत्यु के डेढ़ वर्ष बाद उसी एग्रीमैंट को ऑथ कमिश्नर नालागढ़ द्वारा सत्यापित किया गया जबकि एक अन्य व्यक्ति ने मृत पिता की पुष्टि की। इसके तहत ही अगस्त, 1997 को ही परमानैंट रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट जारी किया गया। इसके बाद वर्ष 2008 में भाजपा नेता ने व्यवसायी की नकली रसीद लगाकर इसी वर्ष दिसम्बर माह को आबकारी एवं कराधान विभाग से वैट नंबर भी ले लिया।

गलत रसीद लगाकर लिया वैट नम्बर 
जिस दौरान उसने यह रसीद लगाई उस दौरान आरोपी ने उसे किराया ही नहीं दिया जिसका पता तब चला जब भाजपा नेता की ओर से वर्ष 2010 में कसौली कोर्ट में अर्जी देते हुए कहा गया था कि व्यवसायी 2003 से 2010 तक का किराया नहीं ले रहा है और हमें रसीद भी नहीं दे रहा है जिससे साफ पता चलता है कि भाजपा नेता ने वर्ष 2008 में वैट नम्बर लेने के लिए गलत रसीद लगाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने इस मामले में कड़ा संज्ञान लिया और पुलिस को छानबीन करने के दिशा-निर्देश दिए थे। इसके बाद पुलिस की छानबीन के बाद यह पहली गिरफ्तारी की गई है।

मामले में एक अन्य व्यक्ति को मिली है अग्रिम जमानत  
इस मामले में गिरफ्तार आरोपी प्रकाश वर्मा के अलावा एक अन्य व्यक्ति पहले ही अग्रिम जमानत पर है। इस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने आरोपी के साथ मिल कर फर्जी तरीके से व्यवसायी के पिता के मृत होने की पुष्टि की थी। वहीं डी.एस.पी. परवाणु भीष्म सिंह ठाकुर का कहना है कि पुलिस ने धोखाधड़ी मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसे आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। 


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