मेरी शालीनता व धैर्य की परीक्षा न लें धूमल : वीरभद्र

punjabkesari.in Tuesday, Nov 24, 2015 - 07:51 PM (IST)

ज्वालामुखी: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल व उनके बेटे मेरी शालीनता व धैर्य की परीक्षा न लें क्योंकि अगर उनके सब्र का पैमाना छलक गया तो इसका नुक्सान उन्हें ही होगा। यह बात मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ज्वालामुखी प्रवास के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए कही। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रेम कुमार धूमल व उनके बेटों ने शालीनता व सभ्यता की सभी सीमाएं तोड़कर प्रदेश की राजनीति को निम्न स्तर तक पहुंचा दिया है और अब वह समय दूर नहीं है जब प्रदेश की जनता के सामने धूमल परिवार का असली चेहरा बेनकाब होने वाला है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा में कटु भाषा के प्रयोग को लेकर होड़ लगी हुई है व हर कोई अधिक घृणित भाषा का प्रयोग कर दूसरे से अव्वल दिखना चाहता है और यही कारण है कि शालीन मानसिकता व सोच के विपरीत जगत प्रकाश नड्डा ने भी अभद्र भाषा का प्रयोग करने की पहल की है जिसे वह नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने कहा कि धूमल व उनके बेटों द्वारा उनके खिलाफ की गई भाषा का इस्तेमाल राजनीतिक  की गिरती परिभाषा व खोखलेपन को दर्शाता है जो भावी पीढ़ी व प्रजातंत्र के लिए खतरे का संकेत है। उन्होंने कहा कि दोषारोपण सरल भाषा में किया जा सकता है लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में जिस प्रकार की असभ्य भाषा अमल में लाई जा रही है उससे प्रदेश की संस्कृति को भी ठेस पहुंची है।

 

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनका राजनीतिक जीवन एक खुली किताब है व कोई भी कभी भी इसका कोई भी पन्ना खोल कर पढ़ सकता है क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में केवल चरित्र को ही अहमियत दी है। इस दौरान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न, नूरपुर के विधायक अजय महाजन, विधायक यादविंद्र गोमा, पंडित सुशील रत्न, ब्रिगेडियर (रि.) राजेंद्र राणा, सुरेंद्र मनकोटिया व अन्य कांग्रेसी नेता उपस्थित थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News