हिमाचल के 8 निजी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की गलत नियुक्तियों का खुलासा : राजेंद्र राणा

punjabkesari.in Wednesday, Jan 13, 2021 - 04:23 PM (IST)

हमीरपुर (ब्यूरो): लाखों फर्जी डिग्रियां बिकने के बाद अब हिमाचल प्रदेश में हायर एजुकेशन देने वाले 8 प्राइवेट यूनिवर्सिटी के कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर प्रदेश सरकार की कारगुजारी कटघरे में है, जो यह साबित करती है कि चाहे शिक्षा हो या स्वास्थ्य सत्ता संरक्षण में प्रत्यक्ष और परोक्ष भ्रष्टाचार लगातार चला हुआ है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष व सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा में चले भ्रष्टाचार प्रदेश के भविष्य के लिए घातक साबित हो रहा है लेकिन सरकार को प्रदेश के भविष्य से ज्यादा दलालों और चहेतों की चिंता है।

सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आया 

उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी मैनेजमैंट में कुलपतियों की नियुक्तियों के लिए निर्धारित नियमों को दरकिनार किया गया है। इन अहम पदों को लेकर सरकार ने जहां नियमों को ताक पर रखा है वहीं निर्धारित आयु सीमा की भी धज्जियां उड़ाई हैं। प्राइवेट एजुकेशन रैगुलेटरी कमीशन की जांच बता रही है कि 8 प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में कुलपतियों की नियुक्तियों में सरकार ने यूजीसी के नियमों को ताक पर रखते हुए अपने चेहतों को इन पदों पर बैठाया है। यूजीसी के नियमों को ताक पर रखने की इस मनमानी से सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आया है।

सरकार के चेहते कुलपतियों को देने पड़े इस्तीफे

उन्होंने कहा कि प्राइवेट एजुकेशन रैगुलेटरी कमीशन की जांच के बाद अब सरकार के चेहते कुलपतियों को इस्तीफे तक देने पड़े हैं। अरनी यूनिवर्सिटी के कुलपति भी जांच की जद्द में आकर अनफिट करार दिए गए हैं। इस यूनिवर्सिटी से पहले भी एक अन्य कुलपति की छुट्टी की गई थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में चरम पर पहुंचे भ्रष्टाचार की यह जीती जागती मिसाल कायम हुई है, जिस पर सरकार को जवाब देना होगा।


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Vijay

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