किसानों के खेतों में पहुंचे कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति, बासमती धान की नई पौध रोपी

punjabkesari.in Friday, Jul 21, 2023 - 11:25 PM (IST)

पालमपुर: चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय ने धान में झुलसा रोग (ब्लास्ट) प्रतिरोध और बौनेपन के लिए जीन युक्त बासमती का एक नया संस्करण पेश किया है। कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने उपमंडल बैजनाथ के उस्तेहड़ गांव में किसान के खेत में इस नई पौध को रोपा। प्रो. चौधरी ने बताया कि प्रजनन में मददगार नए स्ट्रेन मार्कर असिस्टेड ब्रीडिंग के माध्यम से विकसित लोकप्रिय रणबीर बासमती किस्म का अर्ध बौना झुलसा प्रतिरोधी संस्करण है। इस स्ट्रेन को विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी वैज्ञानिक (बायोटेक्नोलॉजिस्ट) डाॅ. राजीव राठौड़ ने विकसित किया है। कुलपति प्रो. एचके चौधरी ने पपरोला के निकट बुरली कोठी के प्रगतिशील सब्जी उत्पादक गरीब दास से मुलाकात कर उनकी सराहना करते हुए कहा कि खीरा (ककड़ी) की खेती के लिए जो कार्य वह कर रहे है उसके लिए कृषि जगत उनका आभारी है। उनके द्वारा उत्पादित खीरा रसीले, अधिक गूदे, अधिक कुरकुरेपन और लंबे समय तक बेहतर स्वाद के लिए जाना जाता है। 

प्रो. चौधरी ने बताया कि गरीब दास ने लगभग 30 से अधिक वर्षों से इस स्थानीय किस्म की शुद्धता को संरक्षित किया है। विश्वविद्यालय ने अपने सभी गुणवत्ता मानकों का परीक्षण करते हुए इसके पंजीकरण के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज पौधे की विविधता और कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम प्राधिकरण को जमा किए हैं। विश्वविद्यालय ने पीपीवी और एफआरए प्राधिकरण को प्लांट जीनोम सेवियर फार्मर पुरस्कार के लिए उनका नामांकन भी दाखिल किया है। गरीब दास ने बुरली कोठी में कुलपति प्रो. चौधरी के आने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के सभी प्रयासों के लिए का धन्यवाद दिया।

कुलपति ने 'किसान प्रथम कार्यक्रम' के तहत गोद ली गई धरेड़ पंचायत के कलहोली गांव का भी दौरा किया। प्रो. चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के तकनीकी मार्गदर्शन में किसानों ने वैज्ञानिक खेती अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को ऊंचा उठाया हैI उन्होंने सलाह दी कि इस पंचायत को आसपास के गांवों के लिए कृषि में रोल मॉडल के रूप में काम करना चाहिए और प्रगतिशील किसानों को सभी किसानों को प्रशिक्षित करने के लिए खुद को शिक्षक की तरह महसूस करना चाहिए। 

प्रो. चौधरी ने किसानों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को उनके विश्वविद्यालय में व्यावसायिक शैक्षणिक कार्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में धान के खेतों में 'कृषि स्प्रे ड्रोन' का प्रदर्शन करने का निर्देश दिया। इन तीनों गांवों के प्रगतिशील किसानों नागेन्द्र कटोच, कैप्टन राम प्रकाश राणा, राजिंदर अंगरिया, सीमा देवी ने कुलपति को  नियमित रूप से क्षेत्र में आने के लिए व विश्वविद्यालय का कृषि निवेश सामग्री व तकनीकी मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद किया। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डाॅ. आरएस चंदेल, डाॅ. वीके सूद, डाॅ. देशराज चौधरी, डाॅ. राजीव राठौड़ और डाॅ. गुरदेव सिंह भी तीनों गांवों में उनके साथ रहे।

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Content Writer

Vijay

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