Mandi: सरकार के मदद वाले हाथ और अपनों के साथ ने बदली उर्मिला की तकदीर, हर माह कर रही इतनी कमाई

punjabkesari.in Sunday, Sep 29, 2024 - 01:17 PM (IST)

मंडी (रजनीश) : थोड़ा सा उत्साह, अपनों का साथ और सरकार का मदद वाला हाथ। इन तीनों ने उर्मिला को सामान्य गृहिणी से एक उद्यमी के रूप में स्थापित होने तथा आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है। ग्राम पंचायत भडयाल की उर्मिला की जिंदगी कुछ साल पहले तक एक गृहिणी के रूप में ही बीत रही थी। बच्चों का लालन-पालन, घर-गृहस्थी संभालने में उनके दिन गुज़र रहे थे।

इसी बीच वह बाला कामेश्वर स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं और इसके बाद ही उनके हौसले भी परवान चढ़ने लगे। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें सरकार की ओर से महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त हुई। महिलाओं को घर बैठे स्वरोजगार की दिशा दिखाने में यह समूह उपयोगी भूमिका निभा रहे हैं, इसका अहसास अब उर्मिला को बखूबी हो चुका था।

उर्मिला ने बताया कि उनके पति गोपाल सिंह निजी क्षेत्र में मोटर मैकेनिक का कार्य करते हैं। पति का हाथ बंटाने के लिए उन्होंने पहले कपड़ों का व्यापार शुरू किया, मगर ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उसमें ज्यादा लाभ नहीं हो पा रहा था। इसके बाद उन्होंने स्वयं सहायता समूह के माध्यम पहले 50 हजार रुपए तथा बाद में एक लाख रुपए का ऋण लिया और फास्ट फूड का व्यवसाय शुरू किया।

इसके अतिरिक्त उन्हें प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम (पीएमएफएमई) के तहत भी 40 हजार रुपए की ऋण राशि प्राप्त हुई है। भडयाल बाजार में जालपा फास्ट फूड के नाम से शुरू किया गया उनका व्यवसाय अब अच्छे से चल निकला है। बकौल उर्मिला इससे उन्हें प्रतिमाह 20 हजार रुपए से अधिक की शुद्ध आय हो जाती है।

उन्होंने बताया कि इस उद्यम को शुरू करने में उनके पति का निरंतर प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है। अब वे इसे विस्तार देने पर भी विचार कर रहे हैं। परिवार की आय बढ़ने से अब अपने दो बच्चों की शिक्षा व अन्य जरूरतें पूरी करने में वह सक्षम हुई हैं। उर्मिला ने बताया कि सरकार की इस तरह की योजनाओं एवं प्रोत्साहन से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं स्वरोजगार व स्वावलंबन की ओर अग्रसर हुई हैं। स्वयं सहायता समूह से ऋण राशि एक प्रतिशत की न्यूनतम दर पर प्राप्त होने से उनकी आर्थिक चिंता कुछ कम हुई और वे यह व्यवसाय शुरू कर पाई हैं।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट मोबलाइजेशन के तहत वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सहायता प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023-24 में जिला में इसके तहत लगभग 29 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि वितरित कर 1257 स्वयं सहायता समूहों को ऋण प्रदान किए गए।

वित्त वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में दो करोड़ 51 लाख रुपए की राशि वितरित कर 95 स्वयं सहायता समूहों को विभिन्न उद्यमों के लिए ऋण राशि वितरित की गई है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Jyoti M

Related News