अनचाहे नवजात शिशुओं की अब नहीं होगी मौत, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर

punjabkesari.in Thursday, Nov 23, 2017 - 02:23 PM (IST)

चंबा: समाज के डर से खुद के लिए कलंक मानने या फिर बेटे के लालच में बेटी को अपने पर बोझ समझने वालों को अब अपने उक्त नवजात शिशु को जान से मारने, झाड़ियों या कूड़े में फेंकने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। अपने ही जिगर के टुकड़े को बोझ समझने वाले ऐसे अभिभावकों या अविवाहिता को इस पाप से बचाने और एक नवजात की जिंदगी को बचाने के लिए प्रदेश के महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रभावी पहल करते हुए राज्य के सभी जिलों में मां की गोद शिशु पालना केंद्र स्थापित कर दिए हैं। 


इन पालक केंद्रों में अनचाहे बच्चे को रख सकते हैं
इन पालक केंद्रों में ऐसे लोग अपने अनचाहे बच्चे को अपनी पहचान छुपाए केंद्र के पालने में रख सकते हैं, ऐसे में नवजात को महिला एवं बाल विकास अपना कर उनका पालन-पोषण अपने शिमला में मौजूद शिशु गृह में करेगा तो साथ ही इस शिशु गृह में बच्चों को गोद लेने के लिए आवेदन करने वालों को इन बच्चों को सौंपेगा। इसी के चलते प्रदेश के 12 में से 10 जिलों में अब तक विभाग पालना केंद्रों को स्थापित करने में सफल रहा है। राज्य के सिर्फ लाहौल-स्पीति व सिरमौर जिला ही ऐसे बचे हैं जहां इस कार्य को अंजाम देना शेष बचा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक जिला में कम से कम 2 ऐसे पालना केंद्रों को स्थापित किया जा रहा है। यह केंद्र जिला के 2 मुख्य अस्पतालों में स्थापित होंगे। 


हजारों अनचाहे नवजातों की होती है मौत
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में हर वर्ष हजारों अनचाहे नवजातों को महज इसलिए मौत के घाट उतारा जाता है क्योंकि समाज का डर या फिर बेटे की लालसा आज भी लोगों के मन में घर किए हुए है। यह बात और है कि इसमें से चंद मामले ही सामने आते हैं। प्रदेश में मौजूद कुछ निजी अस्पताल तो महज इसलिए फलफूल रहे हैं कि वे इस गैर-कानूनी कार्य को अंजाम दे रहे हैं। यह बात किसी से नहीं छिपी नहीं है लेकिन पुख्ता जानकारी के साथ सबूतों के अभाव व लोगों के असहयोग के चलते उन पर शिकंजा नहीं कसा जा सकता है।   
 


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