पॉलीहाऊस लोन घोटाले में 3 लोग गिरफ्तार

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 09:59 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र): कांगड़ा केंद्रीय को-आप्रेटिव बैंक लिमिटेड गगरेट, पंजावर व गौंदपुर बनेहड़ा की शाखाओं में शृंखलाबद्ध तरीके से हुए पॉलीहाऊस लोन घोटाले में विजीलैंस ऊना ने आज दूसरा केस दर्ज करके 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। विजीलैंस के एएसपी सागर चंद्र ने बताया कि मार्च, 2020 में केसीसी बैंक द्वारा इन घोटालों की जांच के लिए विजीलैंस को एक शिकायत पत्र सौंपा गया था। इस पर जांच शुरू करते हुए विजीलैंस बैंक शाखा गगरेट द्वारा जारी फर्जी लोन में आईपीसी की धारा 406, 409, 420, 120 बी तथा एच.पी. प्रीवैंशन ऑफ स्पैसिफिक करप्ट प्रैक्टिसिज एक्ट की धारा 28 व 29 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करके 3 गिरफ्तारियां की गई हैं। इसमें मदन लाल तथा दिनेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में तीनों आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा।

बलविन्द्र सिंह के नाम पर लिया था 15 लाख का फर्जी लोन
एएसपी विजीलैंस के मुताबिक इसमें पॉलीहाऊस घोटाला शृंखला का मास्टर माइंड कुलदीप चंद है। 16 मार्च, 2015 को केसीसी की शाखा गगरेट से पॉलीहाऊस का 15 लाख का लोन फर्जी तरीके से बलविन्द्र सिंह पुत्र भूपेंद्र सिंह गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां के नाम जारी किया गया जबकि उसी दिन इस लोन के 11 लाख 26 हजार रुपए मैनेजर व कुलदीप चंद की मिलीभगत से मदन लाल पुत्र देवराज गांव प्रताप नगर तहसील अम्ब के खाते में डालकर निकाल लिए गए।

दिनेश कुमार के खाते में डालकर गबन किए पौने 4 लाख रुपए
एएसपी ने बताया कि इसके बाद 31 मार्च, 2015 को बचे हुए 3,74,000 रुपए भी दिनेश कुमार पुत्र अनंत राम गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां तहसील गगरेट के खाते में डालकर गबन कर लिया गया। बलविन्द्र सिंह को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और न ही पॉलीहाऊस बनाया गया। उसके नाम का 15 लाख का लोन गबन कर दिया गया जोकि करीब 23 लाख रुपए उसके नाम से खड़े हैं।  

बलविन्द्र के नाम पर 5 लाख रुपए का एक और लिया था लोन
कुलदीप चंद व मैनेजर ने बलविन्द्र सिंह के नाम से 5 लाख का एक और लोन केसीसी बैंक की शाखा गौंदपुर में फर्जी तरीके से शटरिंग खरीदने के नाम पर जारी करके गबन कर दिया जिसके बारे में भी बलविन्द्र सिंह को बाद में पता चला जब उसे बैंक से नोटिस आने लगे। बलविन्द्र सिंह को कुलदीप चंद द्वारा यह कहकर बैंक में लाया गया कि उसे सरकार की सबसिडी स्कीम के तहत लोन दिलाया जाएगा। 80 प्रतिशत सरकार सबसिडी दे देगी, यह कहकर कुलदीप चंद व मैनेजर ने उससे लोन के सभी कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए लेकिन सबसिडी के तहत लोन की प्रक्रिया न करके साधारण वर्ग में लोन जारी करके गबन कर दिया गया व पैसे की बंदरबांट की गई।


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Kuldeep

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