मंडी : रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहे हयोलग के जुड़वां भाई-बहन, एक बहन की हो चुकी है मौत

punjabkesari.in Monday, Sep 11, 2023 - 12:07 AM (IST)

पिता मनरेगा मजदूर, 24 वर्षों से PGI में चल रहा इलाज
धर्मपुर (उमेश ललित):
मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल की बनेरडी पंचायत के दूरदराज गांव हयोलग में 2 जुड़वां भाई-बहन रहस्यमयी बीमारी से जूझ रहे हैं। पीजीआई में करीब 24 वर्षों से उनका उपचार चल रहा है, लेकिन आज तक इस अजीबो-गरीब बीमारी का नाम और कारण न मिल पाने से महज लक्षणात्मक ट्रीटमैंट ही दिया जा रहा है। जुड़वां भाई-बहन से 3 साल बड़ी उनकी बहन ममता ठाकुर का इस बीमारी से निधन हो चुका है। भाई रामचंद्र 80 प्रतिशत तथा कौशल्या ठाकुर शत-प्रतिशत दिव्यांग हैं। सर्जरी के दौरान कौशल्या की एक आंख निकाल दी गई है। 

अमेरिका का चिकित्सक दल भी कर चुका है चैकअप
पिता हेमराज और माता वीणा देवी का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है और वह बिल्कुल ठीक है लेकिन ममता जब 2 साल की थी तो उसे स्किन में दाने उभरने लगे तथा रंग बदलने लगा। उसे पीजीआई ले जाया गया लेकिन वह कई वर्षों के इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो पाई और 2 साल पहले उसका देहांत हो गया है। यही बीमारी उनके बेटे रामचंद्र और बेटी कौशल्या को भी हो गई जब वे अढ़ाई वर्ष के थे। बीते 24 वर्षों से उनका उपचार चल रहा है। उनके उपचार में पीजीआई के पूर्व निदेशक डाॅ. जगत राम ने रुचि दिखाते हुए अमेरिका के चिकित्सक दल से भी चैकअप कराया लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। रामचंद्र और कौशल्या की नजरें बहुत कमजोर हो चुकी हैं और अचानक उठने वाले ट्यूमर्ज का सर्जिकल ट्रीटमैंट देना पड़ता है। इसी प्रक्रिया में कौशल्या की एक आंख भी निकाल दी गई है। पिता हेमराज मनरेगा मजदूर होने के बावजूद बीमार बच्चों की हरसंभव आर्थिक सहायता कर रहे हैं।

शिक्षक बनकर राष्ट्र के निर्माण में योगदान देना चाहती है कौशल्या
बीमारी से लंबे संघर्ष में आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद कौशल्या ठाकुर के हौसले बुलंद हैं। वह शिमला के आरकेएमवी कॉलेज में बीए तृतीय वर्ष की छात्रा है। उनका लक्ष्य है कि शिक्षक बनकर राष्ट्र निर्माण में योगदान दूं। उनका कहना है कि उन्हें पीजीआई में उपचार के लिए महीने में 2-3 बार भी जाना पड़ता है लेकिन एचआरटीसी की बस जैसे ही हिमाचल की सीमा पार करती है तो भाई-बहन का टिकट काटा जाता है, जबकि वह शत-प्रतिशत और भाई 80 फीसदी दिव्यांग है।

एचआरटीसी प्रबंधन करेगा हरसंभव सहायता
एचआरटीसी शिमला के ओएसडी धनवीर ठाकुर ने कहा कि पंजाब केसरी के माध्यम से बच्चों की समस्या सामने आई है, सारे मामले की छानबीन करने के पश्चात एचआरटीसी प्रबंधन एक सप्ताह के भीतर हरसंभव सहायता प्रदान करेगा।

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Content Writer

Vijay

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