इस मासूम की बीमारी से डॉक्टर भी हैरान, पिता ने PM से लेकर CM तक को लगाई गुहार (PICS)

punjabkesari.in Sunday, Jul 08, 2018 - 12:06 PM (IST)

मंडी (नीरज): आपने कई तरह की बीमारियों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। लेकिन जिस बीमारी के बारे में हम आपको आज बताने जा रहे हैं उसे सुनकर शायद थोड़ा अजीब लगे। यह बीमारी है खुद को चोटिल करने की। शायद आप यकीन न करें लेकिन मंडी शहर का एक युवक इस गंभीर बीमारी से ग्रसित है और परिवार की विडम्बना यह है कि उन्हें बेटे के उपचार के लिए किसी की मदद नहीं मिल पा रही है। जानकारी के मुताबिक मंडी शहर के समखेतर वार्ड में रहने वाला 16 वर्षीय पियूष कुमार न तो किसी से बात करता है और न ही किसी को कोई नुकसान पहुंचाता है। न पियूष को शौच करने का पता है और न ही खाना खाने की होश। 
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दिमाग में बस एक ही बात घूमती रहती है कि खुद को चोटिल कैसे किया जाए। पियूष हर समय खुद को मारता रहता है। मार-मारकर इसने अपने शरीर पर जख्म बना दिए हैं। उसके 66 वर्षीय बुजुर्ग पिता दिनेश कुमार बताते हैं कि जब पियूष मात्र डेढ़ महीने का था तो उसे दिमागी बुखार हो गया था। उसके बाद वह कभी ठीक नहीं हुआ। समय के साथ पियूष बढ़ा हो गया और खुद को चोटिल करने लग गया। पिता ने मंडी, शिमला, चंडीगढ़ और दिल्ली तक जाकर अपने बेटे का उपचार करवाया, लेकिन कोई भी डाक्टर सही मर्ज को नहीं पकड़ पाया। 
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दिनेश कुमार बताते हैं कि जिस भी डॉक्टर के पास गए उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि यह उनका विषय नहीं है। साथ में समस्या यह भी है कि पियूष को उपचार के लिए कहीं ले जाना अब काफी मुश्किल हो गया है। क्योंकि यह एक जगह नहीं बैठता और खुद को चोटिल करता रहता है। जब पियूष को ज्यादा गुस्सा आ जाता है तो वो जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर देता है जिससे परिवार के सदस्य भी डर जाते हैं। अब ऐसे में बुजुर्ग पिता अपने बेटे को कहां लेकर जाए इसका कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा है। 
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वह अपने बेटे के इलाज में सबकुछ दांव पर लगा चुके हैं। नीजि कारोबार करने वाले दिनेश कुमार के पास अब इतना सार्मथ्य नहीं बचा कि वो अपने बेटे का उपचार करवा सके। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और प्रधानमंत्री तक को मदद के लिए पत्र लिखे। कुछ पत्रों के तो जबाव भी नहीं आए लेकिन जहां से जबाव आए वहां से आश्वासन ही मिले। जमीनी स्तर पर आज दिन तक कोई सहायता नहीं हो सकी। अब थक हारने के बाद दिनेश कुमार ने मीडिया को अपनी बात इन तक पहुंचाने का माध्यम बनाया और मदद की गुहार लगाई है।
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स्वास्थ्य विभाग ने पियूष का मैंटली इल्लनेस का सर्टिफिकेट बनाकर दे दिया है। इस सर्टिफिकेट के आधार पर पियूष को पेंशन और अन्य सरकारी सुविधाएं तो मिल रही हैं लेकिन वो डॉक्टर नहीं मिल पा रहा जो मर्ज को सही ढंग से पकड़कर उपचार दे सके। दिनेश कुमार ने अपील की है कि यदि किसी की नजर में बेहतर उपचार करने वाला डॉक्टर हो या फिर कोई इनकी मदद करना चाहे तो वो 09418113447 पर संपर्क कर सकता है।


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Ekta

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