Mandi: राज्यपाल बाेले-शिक्षा और चिकित्सा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में नहीं होनी चाहिए राजनीति

punjabkesari.in Friday, Nov 21, 2025 - 12:11 PM (IST)

मंडी (रजनीश): हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने वीरवार को कहा कि सरकारों की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराना और शिक्षा को प्रोत्साहित करना है, न कि उनके कार्यों में अनावश्यक दखल देना। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय एक स्वतंत्र वातावरण में कार्य करें, क्योंकि स्वतंत्रता से ही शोध में वृद्धि होती है और ज्ञान की परंपरा मजबूत बनती है। राज्यपाल वीरवार को सरदार पटेल विश्वविद्यालय (एसपीयू) मंडी में विकसित भारत युवा नेतृत्व संवाद एवं नशामुक्त भारत अभियान के समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में बोल रहे थे। 

स्वतंत्रता ही देती है शोध को बढ़ावा 
राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा और चिकित्सा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। विश्वविद्यालय स्वतंत्र वातावरण में कार्य करें, क्योंकि स्वतंत्रता ही शोध को बढ़ावा देती है और ज्ञान की परंपरा को मजबूत करती है। उन्होंने युवाओं की ऊर्जा, जिज्ञासा और सृजनात्मक शक्ति को भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का मुख्य आधार बताया। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे शिक्षा को केवल करियर का माध्यम न समझें, बल्कि इसे समाज परिवर्तन, नवाचार और राष्ट्रीय सेवा का साधन बनाएं।

नशामुक्ति अभियान और सिंथैटिक ड्रग्स पर चिंता
राज्यपाल ने नशे पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह केवल व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि परिवार, समाज और राष्ट्र की प्रगति को भी प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि एक विकसित, सशक्त और नशामुक्त भारत का निर्माण तभी संभव है जब युवा जागरूक, अनुशासित और समर्पित हो। उन्होंने कहा कि युवाओं क सिंथैटिक ड्रग्स के जाल में फंसाने की एक सोची-समझी कोशिश की जा रही है, जिससे बचाने के लिए पूरे समाज को एकजुट होकर साथ आना होगा।

जब विषय मेरे पास आएगा तब कुछ कह सकते हैं
पत्रकारों द्वारा पंचायतीराज चुनावों को लेकर प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग के बीच चल रहे गतिरोध के सवाल पर राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि मेरे पास विषय आएगा, तभी इसके बारे में कुछ कह सकते हैं। अभी इस विषय पर कुछ कहना उचित नहीं है।


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Vijay

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