शिमला में Kangra Tea की महक, कुल्लू-किन्नौरी शॉल और चम्बा रुमाल भी छाए(Video)

punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 05:48 PM (IST)

शिमला (योगराज): शिमला के ठंडे मौसम में पर्यटक और शिमलावासी कांगड़ा टी का खूब आनद ले रहे हैं। शिमला के इंदिरा गांधी खेल परिसर में हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद (हिमकोस्ट) द्वारा 3 दिवसीय हिमाचली उत्पादों की प्रदर्शनी व बिक्री का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कांगड़ा चाय, कुल्लू शॉल, टोपी, किन्नौरी शॉल, कांगड़ा नमक, चम्बा रुमाल लोगों को खूब भा रहा है। शिमला घूमने आए पर्यटक और स्थानीय लोग कांगड़ा टी को खास पसंद कर रहे हैं। लोगों ने बताया कि कांगड़ा टी का पहली बार उन्होंने स्वाद चखा है और स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ये चाय बहुत लाभदायक है।
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मूल उत्पादों की डुपलिकेसी रोकना प्रदर्शनी का उद्देश्य

प्रदर्शनी का शुभारम्भ करने पहुंचे अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं तकनीकी हिमाचल प्रदेश आर.डी. धीमान ने बताया कि प्रदर्शनी आयोजित करवाने का उद्देश्य राज्य के मूल उत्पादों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के साथ डुपलिकेसी को रोकना है। इससे जहां कृषकों की सामाजिक व आर्थिक स्थिति का उत्थान होगा, वहीं लोगों तक असली उत्पाद पहुंचाना सरकार का मकसद है। इसके अलावा इन उत्पादों को बढ़ावा देना और विपणन के लिए एक मंच प्रदान करना भी सरकार का उद्देश्य है।
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भारत सरकार ने बनाया ज्योग्राफिकल इंडिकेशन एक्ट

हिमाचल प्रदेश के विशिष्ट जलवायु और भौगोलिक परिस्तिथियों के कारण कई पारंपरिक कृषि, बागवानी और हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद विश्वभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं। समय के साथ-साथ इन उत्पादों का महत्व भी बढ़ा है और मूल्यवान व्यावसायिक उत्पाद बन गए हैं। उत्पादों के किसी भी दुरुपयोग के खिलाफ भारत सरकार ने ज्योग्राफिकल इंडिकेशन एक्ट बनाया है ताकि इनका संरक्षण किया जा सके। हिमकोस्ट ने कुल्लू शॉल, कांगड़ा चाय, किन्नौरी शॉल, कांगड़ा नमक, चम्बा रुमाल के लिए ज्योग्राफिकल इंडिकेशन टैग प्राप्त किया है जबकि काला जीरा, चुली ऑयल का जी.आई .पंजीकरण अंतिम चरण में है।
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Vijay

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