छात्राओं से बैग उठाने के मामले में शिक्षिकाएं निकलीं बेकसूर, शिक्षा विभाग से मिली क्लीन चिट
Thursday, Dec 14, 2017 - 01:42 AM (IST)
स्वारघाट: पिछले 1 महीने से सोशल मीडिया पर वायरल हुए शिक्षा खंड स्वारघाट की राजकीय प्राथमिक पाठशाला लोअर मंडयाली की बच्चियों के हाथों में उठाए गए शिक्षिकाओं के पर्स मामले पर चल रही शिक्षा विभाग की उठापटक खत्म हो गई। द्वितीय जांच रिपोर्ट में भी प्रथम जांच रिपोर्ट की पुनरावृत्ति होने के साथ ही मामले में अध्यापिकाओं को क्लीन चिट दे दी गई है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर देवेंद्र पाल ने बताया कि द्वितीय जांच रिपोर्ट उनके पास पहुंच गई है तथा उसमें भी बच्चियों द्वारा स्वेच्छा से अध्यापिकाओं के पर्स उठाए जाने की बात कबूली गई है जिसके आधार पर शिक्षिकाओं को चेतावनी जारी करने के साथ ही मामला समाप्त हो गया है।
शिक्षा विभाग ने 2 बार करवाई थी मामले की जांच
उधर, दूसरी तरफ प्रथम जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट शिक्षा विभाग द्वारा जांचकर्ता बदलने का भी मामले पर कोई खास असर नहीं दिखाई दिया है तथा द्वितीय जांच रिपोर्ट भी प्रथम जांचकर्ता के ही पदचिन्हों का अनुसरण करती दिखाई दी। दोनों रिपोर्टों की अगर तुलना की जाए तो प्रथम जांचकर्ता व द्वितीय जांचकर्ता दोनों की रिपोर्टों में कुछ नया नहीं है। दोनों ही जांच रिपोर्ट अध्यापिकाओं के पक्ष में आई हैं। द्वितीय जांचकर्ता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रधानाचार्य कुलदीप चंद ने बताया कि उन्हें प्रथम जांच रिपोर्ट की कोई जानकारी नहीं है तथा उन्होंने छात्राओं, अध्यापिकाओं, एस.एम.सी. सदस्यों व गांववासियों के बयान सुनने के बाद सारे मामले की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके डिप्टी डायरैक्टर बिलासपुर को सौंप दी है।
शिक्षा उपनिदेशक चेतावनी जारी कर दी क्लीन चिट
बता दें कि मामले को लेकर नियुक्त किए गए प्रथम जांचकर्ता बी.पी.ई.ई.ओ. स्वारघाट हरि राम डांगी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में भी अध्यापिकाओं को निर्दोष करार दिया गया था लेकिन शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्य स्वारघाट कुलदीप चंद को द्वितीय जांचकर्ता नियुक्त करते हुए दोबारा नए सिरे से मामले की जांच के आदेश दिए लेकिन फिर भी जांच की दिशा अपने रास्ते से भटक नहीं पाई और दोनों जांच रिपोर्ट की स्टडी के बाद शिक्षा उपनिदेशक बिलासपुर देवेंद्र पाल द्वारा अध्यापिकाओं को मामले में चेतावनी जारी करने के साथ ही क्लीन चिट दे दी गई।