Bilaspur: 10वीं की ड्राइंग विषय की आंसर शीट्स से छेड़छाड़ का खुलासा, स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दिए फोरैंसिक जांच के आदेश
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 10:34 PM (IST)
बिलासपुर (बंशीधर): हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं कक्षा की परीक्षा में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला झंडूता में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर गत मार्च माह में हुई ड्राइंग विषय की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में गंभीर छेड़छाड़ की गई। इसका पर्दाफाश तब हुआ जब परीक्षा परिणाम से असंतुष्ट मेधावी छात्राओं ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतियां निकलवाईं। मामला झंडूता परीक्षा केंद्र के अधीन राजकीय उच्च पाठशाला ज्योरा की छात्राओं से जुड़ा है। श्रेष्ठा भारती, अंजलि, शालिनी और निधि जैसी होनहार छात्राओं ने बताया कि जब परीक्षा परिणाम घोषित हुआ तो उन्हें अन्य सभी विषयों में 90 प्रतिशत से अधिक अंक मिले, लेकिन ड्राइंग विषय में उन्हें केवल 70 से 72 अंकों पर समेट दिया गया। परिणाम से हैरान छात्राओं ने जब पुनर्निरीक्षण के लिए आवेदन किया तो उनके अंकों में केवल एक अंक की बढ़ाैतरी हुई।
सही उत्तर काटकर लिखे गए गलत जवाब
संदेह होने पर छात्राओं ने आरटीआई के माध्यम से अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतियां मांगीं। जब कॉपियों की प्रतिलिपि मिली तो वे और उनके अभिभावक चौंक गए। कॉपियों में उनके द्वारा लिखे गए सही उत्तरों को काटा गया था और उनकी जगह गलत उत्तर लिख दिए गए थे। छात्राओं का आरोप है कि उनके स्कूल के कम से कम 11 विद्यार्थियों की कॉपियों के साथ ऐसी छेड़छाड़ हुई है, जिनमें से 4 की आरटीआई रिपोर्ट आ चुकी है और बाकी की रिपोर्ट का इंतजार है।
बोर्ड की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि
मामले की शिकायत मिलने पर हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने प्रारंभिक जांच शुरू की। जांच में यह बात पुख्ता हो गई है कि उत्तर पुस्तिकाओं को सील करने वाले टैंपर-प्रूफ लिफाफे के साथ छेड़छाड़ हुई है। बोर्ड के अनुसार हर परीक्षा केंद्र को एक यूनिक आईडी नंबर वाला विशेष लिफाफा दिया जाता है। जांच में पाया गया कि झंडूता केंद्र से भेजे गए लिफाफे का यूनिक आईडी नंबर बोर्ड के आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि गड़बड़ी परीक्षा केंद्र और कलेक्शन सैंटर के स्तर पर ही की गई है।
फोरैंसिक जांच के आदेश, एसडीएम से भी जवाबतलब
प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद बोर्ड ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अब उत्तर पुस्तिकाओं की फोरैंसिक जांच कराने का निर्णय लिया है। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि बच्चों और अभिभावकों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। जांच में यूनिक आईडी नंबर में अंतर पाया गया है, जिससे यह साफ है कि छेड़छाड़ केंद्र स्तर पर हुई है। अब उत्तर पुस्तिकाओं की फोरैंसिक जांच करवाई जा रही है ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इस संबंध में एसडीएम झंडूता से भी जवाब मांगा गया है।

