गर्मियां शुरू नहीं और अभी से कुटलैहड़ क्षेत्र बूंद-बूंद पानी के लिए मच रही हाहाकार

punjabkesari.in Thursday, Mar 18, 2021 - 04:07 PM (IST)

ऊना (सुरेन्द्र शर्मा) : जिला का कुटलैहड़ क्षेत्र भयंकर पानी की समस्या से जूझ रहा है। अभी गर्मियां शुरू भी नहीं हुई कि गंभीर जल संकट ने कुटलैहड़ निवासियों को परेशान कर दिया है। कई क्षेत्र तो पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। कुटलैहड़ की सबसे पुरानी रामगढ़ धार पेयजल योजना के अंतर्गत आते क्षेत्रों में दूसरे या तीसरे दिन पीने के पानी की सप्लाई हो रही है। लोग हैंडपम्पों से पानी लाने पर मजबूर हो रहे हैं। पूरा दिन पानी लाने पर ही समय बर्वाद हो रहा है। हालत यह है कि हैंडपम्पों में भी कुछ घड़े पानी निकालने के बाद वह ड्राई हो रहे हैं तो कुछ हैंडपम्प 4-5 घड़ों के बाद मटमैला पानी दे रहे हैं। कुटलैहड़ के तहत गोबिंद सागर झील के साथ लगते पूरे क्षेत्र में पानी का जबरदस्त संकट है। सामने भाखड़ा बांध है लेकिन इसके तटों पर बसे लोगों की प्यास नहीं बुझ रही है। यानी मलाह के हुक्के में पानी खत्म है। वर्षों से यह पूरा क्षेत्र जल संकट से जूझ रहा है। यही हालत रामगढ़ धार के तहत चुल्हड़ी लिदकोट और दूसरे क्षेत्रों का है। टीहरा, तलाई सहित पूरा क्षेत्र पानी के अभाव में है। लोग परेशान हैं और उनकी समस्या का हल नहीं हो रहा है। 

इस बार पर्याप्त बारिश न होने की वजह से दिक्कत और भी बढ़ गई है। फसलें सूखे की चपेट में हैं तो नल पानी विहीन हैं। अधिकतर हैंडपम्प यहां ड्राई पड़े हैं जिनमें कोई पानी नहीं निकल रहा है। महिला, बुजुर्ग और बच्चे पानी ढोने के काम में लगे हैं। कुटलैहड़ क्षेत्र की रामगढ़धार पेयजल योजना प्रदेश की सबसे पुरानी योजनाओं में से एक है। वर्ष 1977 में इसे तत्कालीन मुख्यमंत्री शांता कुमार ने शुरू किया था। तब यह योजना जितने क्षेत्रफल और जनसंख्या के लिए बनी थी अब उससे कई गुणा अधिक क्षेत्र पर जनसंख्या में वृिद्ध हो चुकी है। भाखड़ा बांध से आगे सतलुज नदी से पानी लिफ्ट किया गया है और पानी पर्याप्त नहीं है। वर्षों से लोग पेयजल की पर्याप्त सप्लाई के लिए मांग कर रहे हैं परन्तु अभी तक इसका हल नहीं हुआ है। 

कुटलैहड़ क्षेत्र में वर्ष 1993 से अब तक भाजपा का कब्जा है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री इसी क्षेत्र से हैं और वह चैथी बार यहां से चुनकर आए हैं। इसके बावजूद क्षेत्र में अभी पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। जिला भाजपाध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा कहते हैं कि भाजपा सरकार के दौरान ही कुटलैहड़ क्षेत्र में पानी पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपए की राशि खर्च हुई है। 17 ग्राम पंचायतों के लिए समूर से पानी लिफ्ट किया गया है। पूरे कुटलैहड़ क्षेत्र में पीने का पानी मुहैया करवाने के लिए योजनाएं चल रही हैं जिन पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहा है। कुटलैहड़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विवेक विक्कू ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा कुटलैहड़ क्षेत्र में पानी की समस्या का हल करने के अनेक दावे किए गए लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ। ब्यास नदी से पानी उठाकर यहां पानी पहुंचाने के भी वायदे हुए लेकिन वर्षों बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है। पेयजल वितरण में कोई सुधार नहीं आया है। यहां के लोग पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। 

जल शक्ति विभाग के एक्सियन ए.के. बंसल ने कहा कि अकसर कुटलैहड़ क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या आ जाती है। इस बार भी थोड़ी समस्या आ सकती है लेकिन अधिक समस्या नहीं आएगी। इसका कारण यह है कि विभाग ने इस बार कुटलैहड़ क्षेत्र में अनेक रैनोवेशन के कार्य किए हैं। जो रामगढ़ धार थी उसमें बहुत अधिक कार्य हुआ है। जल शक्ति विभाग ने जो 42 टैंक बनाने थे उसमें से 22 टैंक बना दिए गए हैं। इसके साथ ही लाइनों को रैनोवेट करके बड़ी लाइनें डाल दी हैं। अभी तक किसी भी क्षेत्र में पानी की समस्या नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि लोकल कुटलैहड़ की स्कीमों में भी पानी चल रहा है। उन्होंने कहा कि 17 नम्बर पंचायत के लिए बरनोह से पानी उठाकर ले जा रहे हैं। इसमें भी रैनोवेशन का कार्य हो रहा है। 2 से 3 दिन में इसकी राइजिंग मेन की प्रथम स्टेज को टैस्ट किया जाएगा। मेजर समस्या इसी को लेकर थी जो ठीक हो जाएगी। इससे पानी की आपूर्ति काफी अधिक हो जाएगी।


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prashant sharma

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