किसानों के चेहरे पर आई मुस्कान, काबिलेतारिफ है इस विधायक का यह अभियान

punjabkesari.in Saturday, Dec 31, 2016 - 10:29 PM (IST)

परौर (सुलह): सुलह विधानसभा 28 फरवरी तक बेसहारा पशुमुक्त घोषित कर दी जाएगी। सुलह के विधायक एवं सी.पी.एस. जगजीवन पाल ने किसानों के दर्द को समझते हुए यह पहल की है। अब तक हुई सिर्फ बातों के आगे बढ़ते हुए सुलह के विधायक ने जो यह पहल की है, वह काबिले तारीफ है। प्रदेश में पशुओं से दुखी ज्यादातर किसान तो खेती से तौबा कर चुके हैं। बतौर जगजीवन पाल वह भी एक किसान हैं अत: किसानों का दर्द समझ सकते हैं। पाल के अनुसार उनका शुरू से ही किसानों के लिए आफत बने इन पशुओं को लेकर कुछ करने का प्लान था। अंतत: सोच-विचार कर वह इस नतीजे पर पहुंचे हैं।

पनापर गांव पहुंचे विधायक
पशु पकडऩे की मुहिम में शनिवार को पनापर गांव पहुंच पाल ने कहा कि हम सुलहवासियों के सहयोग से पशुओं को पकड़ कर खज्जियां (नूरपुर) स्थित गऊशाला भेजेंगे। सी.पी.एस. ने बताया कि सुलह के अब तक 46 गांव बेसहारा पशुमक्त कर दिए हैं बाकि बचे गांव भी जल्द मुक्त कर दिए जाएंगे। किसानों के साथ-साथ यह पशु खौफ का पर्याय भी बन गए हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पिछले 2 वर्षों में 6 लोग पशुओं के हमले से मारे जा चुके हैं और कईयों को यह बेसहारा पशु घायल कर चुके हैं।

पशु मिलते ही उसे बांधें और मुझे फोन करें
मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल ने लोगों से अपील की यदि किसी गांव में बेसहारा पशु हैं तो उन्हें बांध लें व मुझे फोन करें। उन पशुओं को गऊसदन भेजने की व्यवस्था करवा दी जाएगी, वहीं उन्होंने लोगों से भी कहा कि पशुओं को छोडऩे वालों पर भी नजर रखें। आज मुख्य संसदीय सचिव की इस मुहिम में विक्रम पटियाल, प्रधान दिनेश परिहार, शेर सिंह, शांता कुमार पप्पू पटियाल, मदन पटियाल, वार्ड पंच अजय व अन्य लोंगों ने इन पशुओं को पकडऩे में सहयोग दिया। विधानसभा क्षेत्र के शेष लोगों ने भी मुख्य संसदीय सचिव की इस पहल का स्वागत किया है। जगजीवन पाल ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि कोई गांव में पशु छोड़ता हुआ पकड़ा गया तो उसकी खैर नहीं होगी व पूरे नुक्सान का मुआवजा उससे ही लिया जाएगा। 

पनापर में लोगों ने पकड़े 13 पशु
शनिवार को पनापर गांव में लोगों ने 13 बेसहारा पशुओं को पकड़कर बांधा। इनमें  3 गऊएं भी थीं जिसमें एक दुधारू गाय भी है जिसे किसी ने छोड़ दिया था। वहीं 2 पशु जंगल की तरफ भाग गए जो ग्रामीणों के हाथ नहीं आ सके। मुख्य संसदीय सचिव जगजीवन पाल ने कहा कि किसानों की समस्या को देखते हुए बाड़ में सबसिडी के लिए राज्य सरकार केेंद्र से बात कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र 60 प्रतिशत अनुदान दे तो राज्य सरकार 30 प्रतिशत का सहयोग कर सकती है जिससे किसान मात्र 10 प्रतिशत लागत देकर खेत में बाड़ लगवा सकता है।  

किसानों ने किया विधायक की मुहिम का स्वागत 
सुलह के पनापर गांव के किसान अमरीक परमार का कहना है कि इन पशुओं ने इस बार उसकी फूलगोभी की फसल को पूरी तरह से चट कर दिया था जिससे उसे करीब 25 हजार रुपए का नुक्सान झेलना पड़ा है। उसे खुशी है कि गांववासियों के सहयोग से इन बेसहारा पशुओं के आतंक से निजात मिल गई है। किसान शेर सिंह का कहना है कि उसे करीब 30 हजार रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा है। रणवीर सिंह का कहना है कि इन पशुओं ने गेंहू, मटर व गोभी की फसल को चट कर दिया था लेकिन अब इनसे निजात मिल गई है। सुरेश कुमार, प्रताप सिंह, किशोर सिंह, प्रेम चंद व मंगत राम का कहना है कि वह 3 माह से मिट्टी में मिलकर फसल तैयार करने में जुटे थे जब फसल तैयार होने को आई तो इन जानवरों ने उसे तबाह कर दिया था। पशुओं के जाने से गांव के किसान अब आराम से फसल बीज सकेंगे।

देखें कितने करते हैं पहल
अब सुलह के विधायक एवं संसदीय सचिव ने पशुओं से मुक्ति की पहल तो कर दी है अब देखना है कि प्रदेश के कितने जनप्रतिनिधि किसानों के प्रति गंभीर हैं। कितने विधायक और जनसेवक जगजीवन पाल की पहले का अनुसरण करते हुए किसानों का साथ देते हैं। बता दें कि पूरे प्रदेश में लाखों बेसहारा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं या फिर किसानों की फसलें उजाड़ रहे हैं। सड़कों पर घूमते ये पशु हादसों का कारण भी बन रहे हैं। यह भी बताते चलें कि इससे पहले जगजीवन पाल नशामुक्त सुलह अभियान भी चला चुके हैं। यही नहीं उन्होंने सुलह में युवाओं को हैल्मेट पहनने के लिए प्रेरित किया जिसकी कमान उन्होंने खुद ही संभाली थी।


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